
बीकानेर,हनुमानगढ़। युवा पत्रकार अनिल जांदू राजस्थानी और हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की याद में बनाए गए कागद पुस्तकालय को करीब डेढ़ लाख रुपए की पुस्तकें दान करेंगे। जिन में कई पुस्तकें कागद की होगी। कागद की रची गई कविताएं इन पुस्तकों के जरिए उनके होने का हमेशा अहसास कराएगी। उन्होंने लेखन से जो मुकाम पूरे देश में बनाया वो हम सब के लिए गौरव की बात है।
बड़ी बात ये है कि वर्तमान में पुस्तकालय में 3500 से अधिक राजस्थानी, हिंदी व अन्य भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध हैं। इनमें से अधिकांश पुस्तकें साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के घर में बनी लाइब्रेरी की हैं, जिन्हें कागद ने हमेशा सहेज कर रखा। अब इन पुस्तकों का लाभ भाषा और साहित्य प्रेमियों को मिले, इसलिए कागद फाउंडेशन ने इन पुस्तकों के लिए पुस्तकालय बनवाने का निर्णय लिया था। इसके बाद इस पुस्तकालय को विगत कुछ वर्षों में संपूर्ण आकार मिला।
पुस्तकालय में कोई भी आकर पुस्तकें पढ़कर लाभ उठा सकता है। उल्लेखनीय है कि ओम पुरोहित कागद का एक सपना था खुद के प्रकाशन का जिसका नाम अपने शिष्य अनिल जांदू के साथ मिलकर रखा था ‘मरुधरा साहित्य प्रकाशन’ उस पर कार्य भी शुरू हो गया था लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर रहा। बकौल अनिल जांदू, ‘कागद जी चले, मैं अधूरा रह गया।’