
बीकानेर,पश्चिमी राजस्थान के इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई के पानी की चार में से दो समूहों में पानी चलाने की कांग्रेस की वाजिब मांग पर भाजपा की सरकार और भाजपा नेताओं को मुंह की खानी पड़ी। संदेश यह गया है कि न तो राजस्थान में भाजपा की सरकार में संवेदनशीलता है और न ही भाजपा के नेताओं में जनहित के मुद्दों पर जागरूकता है। प्रशासन तो न सुनता है और न ही देखता है। जो नहरी क्षेत्र के किसानों के वोट बैंक और राजनीति को समझते हैं वो ही जान सकता है कि सरकार और भाजपा नेताओं की साख इस मुद्दे पर कितनी गिर गई है? कांग्रेस नेता भंवर सिंह भाटी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर धरना, प्रदर्शन और रैली कर सरकार को बैकफुट पर ला दिया। मुद्दा इतना ठोस था कि सरकार से ने उगलते बनता और ने निगलते। कांग्रेस के सामने सरकार को झुकना पड़ा। तत्काल चार में से दो समूह चलाने की सहमति देनी पड़ी।इसके अलावा कोई चारा नहीं की तत्काल घुटने टेक दे। भले इसका श्रेय डॉ. विश्वनाथ, अर्जुन राम मेघवाल समेत कई छूट भैया नेता लेने की कोशिश करें। हकीकत यह है कि सरकार को बीकानेर के कांग्रेस नेताओं ने आईना दिखा दिया। भंवर सिंह भाटी का हार के बाद पहला दाव सफल रहा। कांग्रेस संगठित दिखाई दी। यह भी साबित हुआ कि भले ही चुनाव हार गए हो भंवर सिंह भाटी के साथ जन बल है। वे बीकानेर में कांग्रेस की राजनीति में हैसियत रखते है। फजीहत तो राजस्थान सरकार बीकानेर के भाजपा नेताओं की हुई है जो अब श्रेय लेने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं। मौसम की नजाकत , इलाके में कम वर्षा से खरीफ की फसल प्रभावित होना, पोंग बांध में पानी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए जो रेगुलेशन जारी किया वो चार समूहों में से दो का ही होना चाहिए था। न तो भाजपा के नेताओं में किसानों प्रति कोई जागरूकता दिखाई दी और न नहर विभाग के अफसरों में सही निर्णय का सामर्थ्य दिखाई दिया। प्रशासन पर्वसरकार को तो फिर कुछ कहना ही बेमानी है। कांग्रेस और कांग्रेस नेता भंवर सिंह भाटी की सरकार ने चहुं ओर वाह वाही करवा दी। कांग्रेस के नेता गोविंद मेघवाल, सुशील रामेश्वर डूडी, राजेंद्र मूड, बिशना राम, मदन मेघवाल, मकसूद अहमद ने सरकार की बखिया उधेड़ी वो अलग। ऐसे कैसे चलेगा सरकार ?