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बीकानेर,मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट दिशा निर्देश हैं कि अंतिम पक्ति में खड़े लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित किया जाए जिससे वे समाज की मुख्याधारा से जुड़ सकें। खा‌द्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में असल हकदारों को एनएफएसए में स्थान देने हेतु विभाग द्वारा गिव अप अभियान गत वर्ष 1 नवम्बर को शुरु किया गया। इस अभियान का उद्देश्य सक्षम लोगों को स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी त्यागने हेतु प्रेरित करना है जिससे गरीबों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिल सके। गिव अप अभियान के तहत प्रदेश भर में अब तक 27 लाख से अधिक सक्षम लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्‌य सुरक्षा छोड़ी है। उन्होंने बताया कि गिव अप अभियान की ऐतिहासिक सफलता के कारण पात्र वंचित खाद्य सुरक्षा से जुड़ पा रहे है। गिव अप अभियान के तहत स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी त्यागने एवं ईकेवाईसी न करवाने के कारण एनएफएसए में बनी रिक्तियों से 56 लाख 62 हजार 268 पात्र वचिंतों को विभाग खाद्य सुरक्षा से जोड पाया है। उन्होंने बताया कि सक्षम लोगों का त्याग गरीबों के मुंह का निवाला बन रहा है। इस अभियान के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सूची में नई रिक्तियों बनने से सूची में जुड़े पात्र परिवारों को पोषण युक्त अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्हें 25 लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा एवं 450 रुपये में प्रतिवर्ष 12 घरेलू सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गोदारा ने बताया कि गिव अप अभियान में व्यापक जनभागीदारी को देखते हुए इसकी अवधि 31 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री एवं खाद्य मंत्री के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा अंतर्गत जुड़े ऐसे परिवार जिनमें :-
कोई सदस्य आयकर दाता हो, कोई सदस्य सरकारी/ अर्द्धसरकारी/ स्वायत्तशासी संस्था में कर्मचारी हो, एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय हो एवं किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रेक्टर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर), निष्कासन सूची में शामिल है। गिव अप अभियान के तहत जिले में 98 हजार 054 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सब्सीडी छोड़ कर इस मुहिम में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे जिले के 60 हजार 683 जरूरतमंद लोगों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ा जा सका है। जिला रसद अधिकारी ने बताया कि इस सफलता में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों का विशेष योगदान रहा है। यह अभियान सामाजिक जिम्मेदारी और जन-जागरुकता का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिससे खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को और मजबूत आधार मिलेगा।

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