
बीकानेर,लोकदेवता बाबा रामदेवजी के चरणों मे शीश नवाने ओर पवित्र रामसरोवर में डुबकी लगाने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा करके आये, बाबा के भजनों पर नाचते-गाते, झूमते जातरूओं ने नेत्रकुम्भ की निःशुल्क सेवाओँ का उपयोग करने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
31 जुलाई को राजस्थान के मुख्यमंत्री के हाथों से उद्घाटन ओर 01 अगस्त को प्रारम्भ से लेकर आज 13 तारीख तक नेत्रकुम्भ महाजाँचशिविर में बाबा के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। पूरे प्रदेश और रामदेवरा के आसपास के हजारों व्यक्तियों द्वारा नेत्रजाँच पंजीकरण का आँकड़ा आज 25000 को पार करते हुए अपने अन्तिम लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। आधुनिक और प्रामाणिक तकनीक से निर्मित चश्में देने का आँकड़ा भी आज 25 हजार पार कर चुका है।
नेत्रकुम्भ आयोजन समिति ओर सम्पूर्ण प्रबन्धन परिवार में अत्यन्त खुशी का वातावरण है। सभी कार्यकर्त्ता और प्रबन्धक अधिक से अधिक संख्या में पधारे रोगियों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने श्रेष्ठ प्रयास में लगे हुए हैं।
शिविर में जातरुओं के लिए बनाई गयी व्यवस्थाओं से सभी आगन्तुक जातरू ओर स्थानीय जनता बेहद प्रसन्न है और निःशुल्क परामर्श, चश्में ओर दवाइयाँ लेकर बेहद प्रफुल्लित है। इन्ही व्यवस्थाओं का परिणाम है कि 01 अगस्त से लेकर 12 अगस्त 2025 तक 24682 पंजीकरण,24170 की नेत्र जाँच व परामर्श, 20202 लाभार्थियों को निःशुल्क चश्में ओर 18897 को दवाइयाँ प्रदान हो चुकी है।
रक्षाबंधन के बाद से रामदेवरा आने वाले जातरूओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जैसे ही श्रद्धालु पोकरण से रामदेवरा की तरफ प्रवेश करते है वैसे ही जाट धर्मशाला के सामने सबसे पहले नेत्रकुम्भ का विराट परिसर दिखाई देता है। इस परिसर में सुबह से ही देवस्वरूप जातरूओं की सेवा के लिए नेत्रकुम्भ प्रबन्धक जुटे जाते है। वातानुकूलित सभागार में प्रवेश करते ही सभी श्रद्धालुओं के लिये बैठने की व जल-पान की उत्तम व्यवस्था बनाई गई है। जातरूओं के पंजीकरण से लेकर चश्मा लेने तक कि पूरी प्रक्रिया को सभी प्रबन्धक समझाते है ताकि बाबा के भक्तों को कोई परेशानी न हो।
नेत्रदान के महत्व को बताने, नेत्रदान से जुड़ी मिथ्या धारणाओं का समाधान करने और स्वेच्छा से मरणोपरांत नेत्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी वीरमदेव चश्माघर में काउंटर भी स्थापित किया गया है।
“सर्वेन्द्रियाणां नयनं प्रधानम्” अर्थात सभी इन्द्रियों में नेत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसी ध्येय वाक्य को सर्वोच्च मान आयोजन समिति लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्रकुम्भ, नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन सहित सभी सहयोगी संस्थाओं व राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ये जो घर बैठे गंगा आयी है उसका बाबा के दर्शन के लिए पधारे जातरुओं द्वारा, जैसलमेर, बाड़मेर सहित प्रदेश के सभी निवासियों द्वारा लाभ उठाना चाहिए और अपने नेत्रों की विस्तृत जाँच करवानी चाहिए। अपने घर-परिवार के सभी सदस्यों, अपने गाँव के सभी निवासियों को आग्रह करके नेत्रकुम्भ में आने का निमन्त्रण देना चाहिए।