बीकानेर,नई दिल्ली.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि बच्चों की कोवैक्सीन को मंजूरी देने में अब अधिक समय नहीं लगेगा। डब्ल्यूएचओ से कौवेक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद यह राह काफी आसान हो गई है, लेकिन इसके बावजूद मंजूरी में सबकुछ डेटा पर निर्भर करता है।
भारत में कई गर्भवती महिलाओं को कोवैक्सीन दी गई है। हमें इसके डेटा का इंतजार है। इसी प्रकार वैक्सीन के बच्चों पर असर के बारे में पूछे जाने पर भी हमें डेटा प्रस्तुत करना होगा। यह डेटा प्रस्तुतीकरण ही बच्चों की वैक्सीन की मंजूरी तय करेगा।
डॉ स्वामीनाथन ने कहा, डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद अब मेड इन इंडिया कोवैक्सीन को सभी देशों में शीघ्र मान्यता मिल जाएगी, जिससे इसकी खुराक ले चुके भारतीय को अन्य देश पहुंचने पर क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही किसी प्रकार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
8 नवंबर से जा सकेंगे अमरीका
डब्ल्यूएचओ वैक्सीन ले चुके भारतीय 8 नवंबर से अमरीका की यात्रा कर सकेंगे। इसके साथ ही अमरीका में कोरोना के चलते 19 महीने से पर्यटकों के लिए बंद माएं खुल गई है।
सूरत: शत-प्रतिशत टीकाकरण का था दावा
3200 फ्रंटलाइन वर्कर बिना टीके के मिले
अहमदाबाद.सूरत नगर निगम (एसएमसी) द्वारा शहरी योग्य आबादी का सौ फीसदी टीकाकरण का दावा किए जाने के एक माह बाद 15 फीसदी (करीब 32 सौ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता) कोविड-19 की पहली खुराक से भी वंचित पाए गए हैं।
आयुक्त बीएन पाणि ने टीकाकरण की जांच के निर्देश दिए थे। जांच में पता चला कि केवल 72.85 फीसदी एसएमसी कर्मचारियों ने एक खुराक ली है। एसएमसी के कुल 21,106
कर्मचारियों में से 17,880 कर्मचारियों ने पहली खुराक ली है, 15,376 ने दूसरी ली थी, जबकि 3,226 कर्मचारियों ने एक भी खुराक नहीं ली।
सूरत में 16 जनवरी को अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का • टीकाकरण शुरू कर दिया गया था। 6 अक्टूबर को पाणि ने ट्वीट कर शहर की वैक्सीन के लिए योग्य आबादी 34.32 लाख से ज्यादा 34.36 लाख को पहली खुराक के साथ 100 फीसदी खुराक का दावा किया था।