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बीकानेर,छत्तरगढ़ प्रदेशभर में गुजरात से लाकर रोजाना बायोडीजल नाम से बिक रहे पेट्रोलियम पदार्थ पैराफिन आज पेट्रोल पंप संचालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस पदार्थ ने राज्य के आधे जिलों में अपना अवैध कारोबार जमा बायोडीजल के अवैध व्यापार ने पेट्रोल पंप संचालकों की कमर तोड़ कर रख दी है।

इससे बीकानेर जिला सहित करीब 14 जिलों में सैकड़ों पेट्रोल पंप संचालकों की आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी है। इसके चलते आज से राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बीकानेर जिलेभर के पेट्रोल पंप संचालकों ने राज्य सरकार को इस बायोडीजल के नाम पर अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लम्बे समय से मांग कर रहे हैं। इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण

सोमवार से पप संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर रखी है। गौरतलब है कि फास्ट फूह तैयार करने वाली कंपनियां और रेस्तरां, नमकीन की अधिकांश दुकान वाले पॉम ऑयल में खाद्य पदार्थ पकाते हैं। सहज सुलभ होने से पॉम ऑयल को अब वायोडीजल ला जा रहा है। इसका गत दिनों खुलासा हुआ था।

बीकानेर जिला व हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर सिरोही, जालौर सहित अन्य सीमावर्ती गांवों में गुजरात से लगातार आ रहे इस ऑयल टैंकर में ही जम गया। सीमावर्ती क्षेत्र की मंडी रावला, घड़साना, छत्तरगढ़ क्षेत्र में नकली बायोडीजल बेचने वाले वालों ने जब सुबह-सुबह वाहनों चालकों ने रोककर बायोडीजल भरना शुरू किया तो नोजल वाल्व से डीजल ही बहार नहीं निकला। तब पड़ताल की गई तो टैंकर की नोजल वाल्व अंदर पूरा तेल द्रव पदार्थ में

तब्दील होकर जमा चुका था। अब तेल माफिया इसका तोड़ निकालने लगे हुए हैं।

बिक रहा बायोडीजल नाम से डीजल

छत्तरगढ़ तहसील क्षेत्र में पाम ऑयल के साथ पैराफिन भी बड़ी मात्रा में गुजरात से टैंकर से बेधड़क आ रहा है। पैराफिन कारण नोजल व टैंक के अन्दर कार्बन जमने से गाड़ियां माइलेज कम देने लग गई है। वहीं गाड़ियां काला धुआं फेंकने के साथ साथ की बार स्टार्ट होने में भी दिक्कत आ रही है। अब तेल माफियाओं ने इस इसमें डीजल एडेटिव मिलाना शुरू कर दिया है। 50 लीटर डीजल में 60 से 75 मिलीलीटर एडेटिव को मिलाया जा रहा है। ताकि गाड़ी स्टार्ट होने साथ गाड़ी अच्छा माइलेज दे। इससे ऑयल भी कम जमता है। एडेटिव पहले पेट्रोल पंपों पर कम मात्रा में मिलता था। अब सैकड़ों लीटर राज्य

में बायोडीजल आने के बाद बिकने लगा है। अन्य राज्यों से बड़ी मात्रा में होती है आपूर्ति

छत्तरगढ़ पेट्रोल पंप संचालक श्रवण गोदारा बताते हैं कि अप्रैल 2019 से जब केंद्र सरकार ने बायोडीजल बेचने की अनुमति प्रदान की गई है। तब से गुजरात में भारी मात्रा में बायोडीजल के नाम से नकली तेल आ रहा हैं। गुजरात से राजस्थान में रोजाना सैकड़ों टैंकर राजस्थान बॉर्डर पार करते हुए राजस्थान में बेधड़क बिकने आ रहा हैं। वहां इसका भाव 40 से लेकर 50 रुपए, प्रति किलोग्राम से टैंकर में भरा जाता है। फिर राजस्थान के विभिन्न जिलों में सरेआम बिकने के लिए बायोडीजल नाम से पेट्रोलियम पदार्थ का अवैध व्यापार करने वाले के पास पहुंचाया जाता है। पंप संचालक गोदारा ने बताया कि इस डीजल में पाम ऑयलएलॉ डेसिटी ऑयलए और

पैराप्ति के साथ मिलाकर अवैध व्यापार करने वाले को भेजा जाता है। इसकी जानकारी सड़कों पर जगह जगह तेल बेचने वाले माफियाओं को भी नहीं है।

इनका कहना है

जिलेभर में बायोडीजल नाम ज वाले माफियाओं से बायोडीजल के नाम से पाम ऑयल बेचने की बात सामने आई है। जो गुजरात से टैंकर मंगवाकर पाम ऑयल व पैराफिन बेचने की बात कह रहे हैं। जिलेभर में बायोडीजल आने से पिछले एक साल से बड़ी मात्रा में पेट्रोल पंपों पर डीजल की बिशी में भारी मात्रा में गिरावट आई है। इसका सीधा नुकसान राज्य सरकार को राजस्व पर पड़ा रहा है। वहीं पंप संचालकों के सामने अब पंप चलाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

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