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बीकानेर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा करना जिले के विधायकों को रास नहीं आ रहा है। जनप्रतिनिधि इस सुविधा का लाभ नहीं उठा रहे हैं। रोडवेज में विधायकों के लिए प्रथम दो सीटें होती हैं, लेकिन हिचकोले वाले सफर के बजाय विधायक आमतौर पर लग्जरी गाडियों का उपयोग करते हैं। पूर्व व वर्तमान सांसद व विधायकों को रोडवेज बसों में प्रदेश व राष्ट्रीय राजधानी में निशुल्क यात्रा के लिए कूपन दिए जाते हैं। इनके साथ एक सहयोगी को भी निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलती है। यात्रा के दौरान विधायक विधानसभा व सांसद संसद से जारी कूपन परिचालक को देता है। इसके एवज में मुख्य यात्रा टिकट के साथ सहयोगी का टिकट भी जारी होता है। रोडवेज के बीकानेर डिपो से चौबीस माह के भीतर जिले के एक भी विधायक ने रोडवेज में सफर नहीं किया है। रोडवेज सूत्रों की मानें तो गत 21 माह में बीकानेर डिपो की बसों में सीकर जिले के धोद विधायक परसराम मोरदिया ने दो बार रोडवेज बस में यात्रा की है।

विधायकों की रुचि नहीं

जानकारी के मुताबिक विपक्ष सहित
सत्ता पक्ष के विधायकों को भी रोडवेज का सफर करने में रुचि नहीं है। जिले में सत्ता पक्ष के वर्तमान में चार विधायक हैं लेकिन इसमें से एक ने भी रोडवेज में सफर करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। निशुल्क यात्रा के पास पूर्व विधायकों को भी दिए जाते हैं पास। जिले में से एक भी विधायक ने भी रोडवेज का सफर पसंद नहीं किया है। सूत्रों की माने तो रोडवेज बसों में पहले विधायक व सांसद के लिए आरक्षित सीटों पर किसी को यात्री को बैठने नहीं दिया जाता था। अगर कोई यात्री बैठ जाता था तो परिचालक उसे विधायक या सांसद के आने पर सीट खाली करने के लिए कह दिया जाता था। अब यात्री बिना किसी डर के इनके लिए आरिक्षत सीट पर आराम से बैठकर यात्रा करते हैं।

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