
बीकानेर,आज राजकीय विधि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान उच्च शिक्षा की महाविद्यालय इकाई द्वारा नीति से परिवर्तन तक: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पांच वर्ष” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. भगवाना राम विश्नोई की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संगठन के अखिल भारतीय पश्चिम क्षेत्र प्रमुख आचार्य दिग्विजय सिंह शेखावत रहे तथा विशिष्ट अतिथि संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं सेवा प्रकोष्ठ सहसयोंजक आचार्य शशि कांत रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दिग्विजय सिंह ने बताया की नई शिक्षा नीति 2020 हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है यह मनुष्य को मानवता सिखाती है इस नीति के निर्माण में वैज्ञानिकों और शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह नीति 5+3+3+4 का प्रावधान करती है इसमें प्रारंभिक शिक्षा को मातृभाषा में प्रदान करने की व्यवस्था होने के साथ ही क्रेडिट बैंक की व्यवस्था भी की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कहती है कि शिक्षा वह नहीं जो जरूरी है अपितु वह है जो जीवन को बदल दे, यह नीति छात्रों को डिग्री नहीं दिशा देती है और गुरु को शिक्षक से बढ़कर मार्गदर्शक बनाती है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि शशि कांत ने नई शिक्षा नीति के उद्देश्य और आवश्यकता पर प्रकाश डाला । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विकसित भारत 2047 के विजन को ध्यान में रखकर एवं भारतीय ज्ञान परंपरा व आधुनिक ज्ञान दोनों के समन्वय के अनुसार तैयार की गई है । कार्यक्रम में महाविद्यालय के इकाई सचिव हेम सिंह शेखावत, पुस्तकालयाध्यक्ष बीरबल मेघवाल, प्रो. कुमुद जैन तथा सभी शिक्षकगण एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीनाक्षी कुमावत द्वारा किया गया।