
बीकानेर, राजस्थान की मरूभूमि में हरियाली का सपना साकार करने वाली, रेगिस्तान को जीवनदायिनी धारा से सींचने वाली गंग नहर अपने 100 गौरवशाली वर्षों की स्वर्णिम यात्रा पूरी कर रही है। इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए आज एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने की।
बैठक में मंत्री मेघवाल ने नहर की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा –
“गंग नहर केवल जल का स्रोत नहीं, यह राजस्थान के सपनों, संघर्ष और समृद्धि की सदीभर की कहानी है। इसने बंजर को उपजाऊ बनाया, प्यासे को पानी दिया और मरुस्थल में विकास की नई धारा प्रवाहित की।”
उन्होंने विशेष रूप से नहर के संस्थापक दूरदर्शी महाराजा गंगा सिंह को नमन करते हुए कहा कि उनकी अद्वितीय दृष्टि और जनकल्याण की भावना ने इस मरुस्थल में हरियाली का बीज बोया। इसी के साथ उन्होंने गंगनहर के शिल्पकार और महान अभियंता कंवरसेन को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके अथक परिश्रम और तकनीकी कौशल ने इस स्वप्न को साकार कर दिखाया।
बैठक में अतिरिक्त सचिव एवं मुख्य अभियंता (पश्चिम) जल संसाधन विभाग अमरजीत सिंह मेहरड़ा, मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ नॉर्थ प्रदीप रुस्तगी, मुख्य अभियंता इंदिरा गांधी नहर परियोजना बीकानेर राकेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य अभियंता आईजीएनपी बीकानेर विवेक गोयल तथा अधीक्षण अभियंता गंग नहर धीरज चावला ने सहभागिता करते हुए रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए।
अधिकारियों ने इस अवसर को जनभावनाओं से जोड़ने के लिए ऐतिहासिक प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कृषक संवाद एवं स्मृति ग्रंथ प्रकाशन जैसे विविध प्रस्ताव दिए।
मंत्री मेघवाल ने इस उत्सव को प्रदेश के गौरव और विकास की गाथा के रूप में मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल अतीत का स्मरण नहीं होगा, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा और नई ऊर्जा का स्रोत भी बनेगा।