
बीकानेर, सबके प्रति सद्भावना रखें, जो हमारा विरोध करे, हमारा बुरा सोचे उसके प्रति भी सद्भाव रखें। यह उद्गार युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमारजी ने व्यक्त किए। गुरुवार को मुनिश्री कमलकुमारजी ने गंगाशहर में रामलाल सूरजदेवी रांका परिवार के यहां प्रेरणा पाथेय प्रवचन के दौरान कहा कि अपने जीवन को ऐसा बनाएं की जीने का भी आनन्द आए। सद्भावना, नैतिकता और नशा मुक्ति इन तीन बिन्दुओं को यदि जीवन में अपना लें तो निश्चित रूप से दुखों से मुक्ति मिल जाएगी। मुनिश्री ने कहा कि अन्याय से उपार्जित धन कुछ वर्ष ही टिकता है और मेहनत व ईमानदारी से कमाया धन पीढिय़ों को पोषित करता है। कभी भी किसी के प्रति दुर्भावना न रखें इससे स्वयं का ही नुकसान होगा। अच्छे का परिणाम अच्छा ही होता है, इसलिए अच्छा सोचें अच्छा करें। पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि इस प्रेरणा पाथेय प्रवचन आयोजन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के योगेन्द्र जी, विनायकजी, टेकचंद जी बरडिय़ा, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेशमल बोथरा, हनुमानमल रांका, महामंत्री दीपक आंचलिया, अणुव्रत समिति गंगाशहर के अध्यक्ष करणीदान रांका, जीतो चैयरपर्सन ममता रांका, गंगाशहर तेरापंथ महिला मंडल मंत्री मीनाक्षी आंचलिया, शिखरचंद पारख, अमरचंद भुगड़ी, सुशील पारख, महावीर चौरडिय़ा, बच्छराज भूरा, विकास सामसुखा, केशरीचंद छाजेड़, अमित जांगिड़, शंकरसिंह राजपुरोहित, पवन महनोत, रमेश भाटी, गणेशमल जाजड़ा, नरेन्द्र चंचल, शंंभु गहलोत, आनन्द अग्रवाल, घनश्याम जाजड़ा, किशन भाटी, राजेन्द्र चौहान, शक्तिसिंह शेरुणा, धनराज जाखड़ा, जय उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।