बीकानेर,जोधपुर पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से पिछले एक वर्ष में लगातार हो रही ड्रोन की घुसपैठ को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एंटी ड्रोन तकनीक खरीदने जा रही है।
इजरायली कंपनी ने हाल ही में राजस्थान, पंजाब और कश्मीर में सीमा के पास फायर कंट्रोल सिस्टम का ट्रायल किया था। यह एक तरह से असाल्ट राइफल है, जो विशेष एल्गोरिदम की सहायता से एक फायर में कई लक्ष्यों को ट्रेक कर सकती है। इस सिस्टम की मदद से कुछ दूरी पर उड़ रहे ड्रोन को हवा में ही मार गिराया जाता है। इजरायल और अमरीका की स्पेशल फोर्सेज पहले से ही इस तकनीक का उपयोग कर रही है। गत महीने जोधपुर आए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी सीमा पार से ड्रोन की बढ़ रही गतिविधियों को बीएसएफ के लिए एक चुनौती बताया था।
अभी एंटी एयरक्राफ्ट गनः वर्तमान में बीएसएफ के पास एरियल टारगेट को गिराने के लिए एंटी एयरक्राफ्ट गन है, लेकिन इसको
कोरोना काल में बढ़ी ड्रोन घुसपैठ
कोविड-19 के बाद सीमा पार से ड्रोन की घुसपैठ में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि वर्तमान में अधिकांश घुसपैठ कश्मीर और पंजाब से लगती सीमा के पास हो रही है, जहां तस्करी के साथ ड्रोन से हथियार गिराए जा रहे हैं।
वन शॉट वन हिट तकनीक
इजराइली सिस्टम से ड्रोन पर अचूक निशाना लगाया जा सकेगा। जवान तय कर सकेंगे कि ड्रोन को पाकिस्तान की सीमा में गिराना है या भारत की। यह सिस्टम वन शॉट वन हिट अथवा फर्स्ट राउंड हिट तकनीक पर काम करता है।
ऑपरेट करने में मुश्किल होने के साथ महंगी भी है। बालाकोट स्ट्राइक के समय दोनों देशों के मध्य तनाव बढने के दौरान पाकिस्तान की ओर
राजस्थान में श्रीगंगानगर सीमा के पास भी ड्रोन की गई। गतिविधियां रिकॉर्ड की गई है। सर्दियों में कोहरा होने के कारण श्रीगंगानगर और बीकानेर सीमा पर ड्रोन से आसानी से हथियारों की तस्करी की आशंका है।
सुरक्षित कब्जे में लेने की कवायद
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ड्रोन के सिग्नल और कार्यप्रणाली को जाम कर उसे सुरक्षित अपने कब्जे में लेने की तकनीक की कवायद भी कर रही है, जिससे ड्रोन से अन्य जानकारियां भी हासिल हो सके।
से सीमा पार से कई ड्रोन आए थे। उस समय भारतीय सेना ने उनको गिराने के लिए एंटी एयरर फ्ट गन का प्रयोग किया था।