
बीकानेर, भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एन.आर.सी.सी.), बीकानेर द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान आज दिनांक 09 जून, 2025 को गांव नगासर में अनुसूचित जाति उपयोजना (एस.सी.एस.पी.) तहत कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 146 किसान सहभागी बनें तथा खासकर महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।
केन्द्र के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि 15 दिवसीय विकसित कृषि संकल्प अभियान का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों, उन्नत तकनीकों, प्राकृतिक खेती एवं जलवायु अनुकूल कृषि प्रणालियों की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भेड़, बकरी एवं ऊँट पालन ग्रामीण आजीविका के सशक्त माध्यम हैं, व्यवसाय से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु पशुपालक फोन, रेडियो आदि माध्यमों से विषय-विशेषज्ञों से संपर्क करें। डॉ. पूनिया ने एन.आर.सी.सी. द्वारा अनुसंधान क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों, अनुसूचित जाति उपयोजना आदि के साथ-2 ऊँटनी के दूध एवं उष्ट्र पर्यटन विकास जैसे नवाचारों के माध्यम से उष्ट्र प्रजाति के संरक्षण एवं विकास कार्यों की भी जानकारी दी।
इस दौरान केन्द्र के डॉ. समर कुमार घोरुई, प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान द्वारा वैज्ञानिक ज्ञान का किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कर कृषि क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने सहभागी किसानों को सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने हेतु जागरूक होने की बात कही। डॉ. सागर अशोक खुलापे ने पशुओं से स्वच्छ दूध उत्पादन लेने हेतु पशुपालकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करते हुए इस हेतु अपनाई जाने वाली सावधानियों और उचित दुग्ध प्रबंधन तकनीकों की जानकारी प्रदान की। वहीं डॉ. काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुपालकों को अनुसूचित जाति उप-योजना तहत केन्द्र की गतिविधियों, ऊँटनी के औषधीय महत्व तथा पशुओं में होने वाली बीमारियों की जानकारी दी। केन्द्र के श्री मनजीत सिंह, श्री आशीष पित्ती एवं श्री राजेश चौधरी द्वारा पशुपालकों के पंजीयन, ‘करभ’ पशु आहार, खनिज लवण बट्टिका, सॉल्ट लिक, दवा आदि वितरण कार्यों में सहयोग प्रदान किया गया।