
बीकानेर,अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की जिला शाखा गायत्री शक्तिपीठ पुरानी गिन्नानी बीकानेर में गायत्री जयंती-गंगा दशहरा का महापर्व उत्साहपूर्वक मनाया गया।
गायत्री परिवार ट्रस्टी व मीडिया प्रभारी देवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि गायत्री जयंती पर शक्तिपीठ में गायत्री माता का विशेष श्रंगार कर महाआरती की गई। पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञाचार्य करनीदान के नेतृत्व में पवन कुमार ओझा व जगजीत सिंह द्वारा गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, गंगा गायत्री, रुद्र गायत्री व दिव्य पितृ गायत्री मंत्र से आहुतियां दिलाई गई। पुर्णाहुति से पूर्व निःशुल्क संस्कार यथा 22 गायत्री मंत्र दीक्षा, 13 यज्ञोपवीत, 16 विद्यारंभ, 05 पुसंवन, 14 जन्मदिन तथा 04 विवाह-दिवस संस्कार करवाये गये। इस अवसर पर संबोधित करते हुए जिला समन्वयक मुकेश व्यास ने कहा कि गायत्री महामंत्र सद्ज्ञान का बीज है। जिसे प्राप्त करने और समझने के लिए साधक को सद्गुरु की शरण में जाना आवश्यक है। गायत्री महामंत्र केवल साधारण जप करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह एक बहुआयामी सूत्र है, जिसमें जीवन का सम्पूर्ण सार समाहित है। गायत्री मंत्र साधक को ज्ञान, प्रेरणा तथा आत्मबोध की ओर अग्रसर करता है। ईंजीनियर अमरसिंह वर्मा ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति के दो मार्ग बताये गये हैं – एक है मनोयोगपूर्वक गायत्री महामंत्र की साधना करना और दूसरा है निष्काम भाव से की जाने वाली सेवा। स्वामी विवेकानंद एवं परम पूज्य युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के जीवन से अनेक प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए आगे बताया कि गायत्री साधना और निष्काम सेवा कार्यों के माध्यम से जीवन को महान बनाया जा सकता है। वर्तमान समय आत्मविश्लेषण, आत्मसंवर्धन एवं युगधर्म के पालन का उत्तम अवसर है। उन्होंने अपने जीवन में आध्यात्मिक अनुशासन, सेवा और ज्ञानार्जन को स्थान देने के लिए प्रेरित किया।
देवालय प्रबंधन समिति संयोजक प्रवीण तंवर ने बताया कि गायत्री महामंत्र के तीन चरण उपासना, साधना एवं आराधना है। ये तीनों ही जीवन को उच्चतम दिशा देने वाले साधन हैं। गायत्री मंत्र का लयबद्ध, तालबद्ध एवं मनोयोगपूर्वक जप करने से अंतःकरण की शुद्धि होती है तथापि अनेक सिद्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं। उन्होंने ऋषि विश्वामित्र एवं युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य आदि के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी गायत्री साधना ने उन्हें महान उपलब्धियाँ प्रदान की। जो आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। डिवाइन इंडिया यूथ एशोसियेशन दिया जिलाध्यक्ष धनंजय सारस्वत ने गंगा दशहरा एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी से प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने, गंगा नदी एवं श्रीकोलायत सरोवर सहित समस्त अध्यात्मिक स्थलों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया।
गायत्री शक्तिपीठ पर सायंकालीन गायत्री चालीसा एवं विराट दीप-यज्ञ का संचालन किया गया। जिसमें गायत्री परिजनों द्वारा अपने आराध्यदेव पं० श्रीराम शर्मा आचार्यजी की ३४वीं पुण्यतिथि को संकल्प दिवस के रूप में मनाते हुए उनके बताये सूत्रों को स्वयं पालन करने एवं दूसरों को प्रेरित करने की शपथ ली। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के मौके पर एक-एक पौधा लगाने के लिए परिजनों को संकल्पित करवाया गया। ट्रस्टी रामकुमार चौहान, राधेश्याम नामा, शिवनरेश सिंह चौहान, भारत भूषण गुप्ता, भरतसिंह पड़िहार, हरिसिंह गौड़, शोभा सारस्वत, गायत्री पुरी, ललिता शर्मा, ज्योति सोनी, मधुबाला शर्मा तथा शारदा चौधरी द्वारा प्रसाद वितरण कर श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया गया।