Trending Now


बीकानेर।दिल्ली और बीकानेर के बीच दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलगाड़ी नियमित रूप से चलती है। हजारों लोग रोजाना इसमें सफर करते हैं। हर किस्म के लोग गाड़ी में रोजाना चढ़ते उतरते हैं। कुछ जल्दबाजी में अपना सामान भूल जाते हैं। कुछ गफलत में छोड़ जाते हैं और कुछ अपने कीमती सामान को सचेत रहते हुए भी चूक ही जाते हैं। लेकिन, एक सख्श है जो अपने काम के प्रति ना केवल सचेत रहता है, अपितु लोगों की भूल-चूक को नोटिस में लेकर उन्हें ईमानदारी से उनकी पूंजी हिफाजत के साथ सुपूर्द करता है। दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलगाड़ी के एसी फस्र्ट क्लास में अटेंडेंट के पद पर कार्यरत नागौर जिले के चांद बासनी के रहने वाले हनुमाना राम साणेल यह काम तब से करता आ रहा है, जबसे वह नौकरी में लगा था। नियमित रूप से गाड़ी की जांच करना और किसी का कोई छूटा या चूका हुआ सामान असली मालिक तक जब तक ना पहुंचे,आराम नहीं पाना, जैसे कि नीयती में शामिल हो गया है। हनुमाना राम साणेल (मेघवाल) वस्तु चाहे एक की हो या लाख रुपए की, दूसरे की अमानत ही समझते हैं। अपने लिए तो बस मेहनत की कमाई पर ही यकीन रखते हैं।
29 मई की रात को भी कुछ ऐसा ही घटित हुआ। बीकानेर से एसी फस्र्ट क्लास के कोच में प्रतिष्ठित समाजसेवी, खाजूवाला कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा,मुकाम के विशेष आमंत्रित सदस्य रामेश्वरलाल बिश्नोई ने दिल्ली के लिए यात्रा शुरू की। देर रात उन्हें सोते वक्त जेब में पड़ा पर्स चूभन दे रहा था। ऐसे में उन्होंने पर्स निकाल कर तकिए के नीचे रख दिया। साथ में मोबाइल का चार्जर भी रखा। दिल्ली पहुंचने पर उन्हें यह याद ही नहीं रहा कि पर्स गाड़ी में छूट गया है। रामेश्वरलाल बिश्नोई पर्स को खोया मान बीकानेर पहुंचकर संबंधित पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाने की सोच चुके थे। क्योंकि पर्स में पैसों के साथ पेनकार्ड, आधार सहित बैंक कार्ड व अन्य कार्ड भी थे। लेकिन, संयोग ऐसा कि बिश्नोई का तीन दिन बाद वापस में उसी ट्रेन से बीकानेर आना था और जोग वश कोच भी वही था। हनुमानाराम ने तुरंत पहचान लिया और पुष्टि के लिए जानकारी ली। संतुष्टि के बाद पर्स और चार्जर लौटाया। बिश्नोई ने खुशी से उपहार के लिए एक हजार रुपए देने चाहे। लेकिन, खुद्दार हनुमानाराम ने लेने से स्पष्ट इंकार कर दिया। इसके बाद बिश्नोई ने उनकी ईमानदारी की प्रशंषा की और यह बात उन्होंने रेल मंत्री और डीआरएम तक पहुंचाने का निर्णय लिया। रामेश्वरलाल बिश्नोई ने बताया कि हनुमानाराम ज्ञात रूप से 60 लोगों को उनकी खोई वस्तुएं और सामान वापस पहुंचा चुका है। बिश्नोई का मानना है कि ऐसे ईमानदार व्यक्तित्व के धनी को रेल मंत्रालय द्वारा सम्मान दिया जाना चाहिए। बिश्नोई स्वयं भी अपनी संस्था के माध्यम से हनुमानाराम का सम्मान करेंगे।

Author