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बीकानेर,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के एलुमनी सेल एवं योग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ‘एलुमनी संवाद 2025’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान दो प्रमुख विषयों—तनाव प्रबंधन एवं एलुमनी सहभागिता—पर केंद्रित व्याख्यान आयोजित किए गए, जिसमें विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को उपयोगी जानकारियाँ प्रदान कीं।
योग विभाग के समन्वयक डॉ. धर्मेश  हरवानी और इनचार्ज डॉ. सीमा शर्मा ने  अतिथिगण  का स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अविनाश झाझङिया, जोकि एक प्रतिष्ठित एडिक्शन साइकेट्रिस्ट हैं, ने तनाव के कारणों और उसके प्रभावों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दैनिक जीवन में तनाव को कम करने के उपायों पर प्रकाश डालते हुए ध्यान और सकारात्मक सोच को प्रमुख बताया। विशिष्ट अतिथि मोना सोनी ने प्राणायाम व ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त करने और तनाव को नियंत्रित करने की विधियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि योग व मेडिटेशन आज के युग की सबसे बड़ी जरूरत बन चुके हैं। योग विभाग के इनचार्ज  एवं एलुमनी सेल के समन्वयक डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि किसी भी शैक्षणिक संस्था के पूर्व छात्रों (Alumni) का एक संगठन होता है, जो संस्था और पूर्व छात्रों के बीच एक सेतु की तरह कार्य करता है। इसकी महत्ता कई रूपों में होती हैं। सफल एलुमनी संस्था की साख और प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं। उनके अनुभव और उपलब्धियाँ नए छात्रों के लिए प्रेरणा बनती हैं।

एलुमनी प्रेसिडेंट  जसप्रीत ने कहा संवाद संस्था और छात्रों के बीच एक मजबूत सेतु बनाता है,  एलुमनी संस्था का प्रतिनिधित्व करता है एलुमनी शिक्षा, समाज और राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शेषकरण भादू  ट्रेजरार एसोसिएशन ने इस अवसर पर कहा
यह पूर्व छात्रों को एक-दूसरे से जोड़े रखता है और प्रोफेशनल नेटवर्किंग का एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म देता है।
प्रियंका रघुवंशी ने कहा एलुमनी एसोसिएशन विभिन्न सामाजिक कार्यों जैसे रक्तदान शिविर, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा जागरूकता आदि में भी भाग ले सकते हैं।
डॉ. हितेंद्र  मारू ने तनाव  प्रबंधन के लिए  आसनों और प्राणायाम  के फायदे बताए और  एलुमनी एसोसिएशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दीl

यशोवर्धीनि ने कहा एलुमनी मिलन समारोह (Reunion) के माध्यम से पुरानी यादें ताज़ा करते हैं और संस्था से जुड़ाव बनाए रखते हैं।

एलुमनी संवाद में समन्वयक डॉ.सीमा शर्मा ने कहा जब किसी संस्था के पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों में सफल होते हैं और समाज में योगदान देते हैं, तो उनकी उपलब्धियाँ उस संस्था की पहचान बन जाती हैं। इससे न केवल संस्था की छवि उज्जवल होती है, बल्कि नए छात्रों को भी गर्व की अनुभूति होती हैंl डॉ.लीला कौर ने कहा एलुमनी एसोसिएशन किसी भी शैक्षणिक संस्था की आत्मा के समान होता है। यह न केवल संस्था और छात्रों के बीच एक मजबूत सेतु बनाता है, बल्कि शिक्षा, समाज और राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डॉ. .अमरेश ने कहा एलुमनी एसोसिएशन किसी विद्यालय, कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए एक सशक्त स्तंभ होता है जो संस्था और छात्रों को अनेक प्रकार से लाभ पहुँचाता है।

एलुमनी सेल के तुलसाराम ने  धन्यवाद ज्ञापित करते हुए  कहा एलुमनी एसोसिएशन वर्तमान छात्रों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है। पूर्व छात्र अपने अनुभव साझा करके छात्रों को करियर, उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी की तैयारी के विषय में उपयोगी सलाह देते हैं। इससे छात्रों को अपने भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा मिलती है।

अतिथियों का स्वागत डॉ. सीमा शर्मा (प्रभारी, एलुमनी सेल) व डॉ. धर्मेश हरवानी (योग विभाग के समन्वयक)ने किया। इस अवसर पर योग विभाग के अतिथि प्राध्यापक डॉ. हितेंद्र मारू, प्रियंका रघुवंशी एवं यशोवर्धिनी पुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग का योगदान अतुलनीय है।

कार्यक्रम का कुशल संचालन सपना बेरवाल ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में तनाव प्रबंधन के साथ-साथ एलुमनी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

यह आयोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय के एलुमनी नेटवर्क को सशक्त बनाने और विद्यार्थियों को मानसिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय पहल की हैं।

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