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बीकानेर,मानव अधिकार और सामाजिक कल्याण संघ के संस्थापक उषा कंवर की प्रेरणा से किरण देवी पत्नी केसरीचंद जैन,कंचन देवी पत्नी मोतीलाल जैन,देवेंद्र कुमार पिता मोतीलाल जैन ने मरणोपरांत अपनी इच्छाअनुसार सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर को देहदान किया इस अवसर पर मानव अधिकार सामाजिक कल्याण संघ के संस्थापक उषा कंवर ने बताया कि रीति रिवाज में सकारात्मक परिवर्तन होते रहना चाहिए हमें जितनी विज्ञान की आवश्यकता है उतनी ही विज्ञान को हमारी इन्हीं विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने देहदान की इच्छा व्यक्त की थी मानव अधिकार सामाजिक कल्याण संघ के मीडिया प्रभारी करण सिंह ने बताया कि सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को आवेदन पत्र समर्पित किया मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार विज्ञान की प्रगति के लिए मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करना एक अनूठा और अमूल्य उपहार है दान किए शरीर का उपयोग भविष्य के डॉक्टर और नर्सों को पढ़ाने प्रशिक्षण देने सर्जन को प्रशिक्षित करने वह वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए किया जाता है कोई भी भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष से अधिक आयु का है कानूनी रूप से वेद सहमति देने योग्य है वह शरीर रचना के भाग एनाटॉमी विभाग में एक संपूर्ण शरीरदाता के रूप में अपना पंजीकरण करा सकता है इस अवसर पर उपस्थित मानव अधिकार सामाजिक कल्याण संघ परिवार ने दे दान करने वाले प्रबुद्ध जनों का आभार व्यक्त किया

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