
बीकानेर,सुमंगल जन कल्याण ट्रस्ट और डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय व्यवसायिक भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कौशल विकास केंद्र, राजुवास (पशु विज्ञान विश्वविद्यालय) में किया गया। इस कार्यक्रम में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, चूरू और बीकानेर जिलों से आए 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राहुल सिंह पाल, डीन, डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने की, जबकि सुमंगल जन कल्याण ट्रस्ट के गजेंद्र सिंह और यतीश बेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. राहुल सिंह पाल, डीन, डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने कहा, ज के समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भरता आवश्यक है। भेड़-बकरी पालन न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकता है, बल्कि इससे जुड़ी सहायक सेवाओं जैसे दुग्ध उत्पादन, ऊन उद्योग और जैविक खाद उत्पादन के माध्यम से भी आय के नए स्रोत विकसित किए जा सकते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बृज नंदन श्रृंगी, निदेशक, अनुसंधान ने अपने संबोधन में कहा, “भेड़ एवं बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। यदि पशुपालक वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाएं तो यह व्यवसाय अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. के. सावल, पूर्व निदेशक, कैमल रिसर्च सेंटर ने कहा, “आज के समय में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर पशुपालक अपनी उपज और आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं। डेयरी और पशुपालन क्षेत्र में शोध और नवाचार से यह व्यवसाय और भी टिकाऊ बन सकता है। भाजपा नेता डॉ. सुरेंद्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और सब्सिडी का सही उपयोग कर पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकते हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें आधुनिक तकनीकों और सरकारी सहायता योजनाओं से जोड़ने में सहायक होते हैं।”
सुभाष स्वामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “व्यावसायिक प्रशिक्षण से न केवल पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।”
प्रशिक्षण के दौरान डॉ. दिवाकर और डॉ. नीरज कुमार शर्मा (सहायक आचार्य, राजुवास) ने स्वास्थ्य, पोषण, औषधि प्रबंधन और वैज्ञानिक पद्धतियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की । उन्होंने प्रतिभागियों को भेड़-बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं, चारा प्रबंधन, रोग नियंत्रण और व्यवसायिकरण के विषय में जागरूक किया। कार्यक्रम में वीरेंद्र लुणु ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न विशेषज्ञों और अनुभवी प्रशिक्षकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।