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बीकानेर,स्वास्थ्य विभाग के आईडीएसपी प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय वन हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत मानव, पशु- पक्षी एवं पर्यावरण स्वास्थ्य की साझा निगरानी से संबंधित चिकित्सकों, विशेषज्ञों व कार्मिकों हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्थानीय टीबी क्लिनिक सभागार में आयोजित कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने पशु चिकित्सा से संबंधित अधिकारियों से अपील की कि वे रेबीज, ब्रुसेलोसिस जैसे जूनोटिक रोगों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखें ताकि रोगों की निगरानी में वन हेल्थ अप्रोच के साथ प्रभावी नियंत्रण हासिल किया जा सके। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशन व राज्य सरकार की रणनीति के तहत जिला स्तर पर राष्ट्रीय वन हेल्थ कार्यक्रम आरंभ किया गया है जिसमें स्थानीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं (मानव स्वास्थ्य), पशु चिकित्सा सेवाएं (पशु स्वास्थ्य) व पर्यावरण एजेंसियों के मध्य समन्वय कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। वन हेल्थ कार्यक्रम के तहत सामुदायिक जुड़ाव से मनुष्य व पशु स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन भी किए जाएंगे। वेटरनरी कॉलेज की ओर से सहायक आचार्य डॉ सुम्निल मारवाह द्वारा जूनोटिक रोगों की निगरानी व स्वास्थ्य विभाग से समन्वय पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉ अनिल वर्मा, स्वास्थ्य विभाग से जिला टीबी अधिकारी डॉ चंद्रशेखर मोदी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र जायसवाल, ब्लॉक सीएमओ डॉ कैलाश गहलोत, डॉ मुकेश मीणा, डॉ शिवदान सिंह, डाटा मैनेजर प्रदीप कुमार चौहान, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। इसी के साथ रेबीज मुक्त शहर 2030 के अंतर्गत सिटी टास्क फोर्स की बैठक भी आयोजित हुई।

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