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बीकानेर,राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के पशु आपदा प्रबंधन तकनीकी केन्द्र एवं राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में “सतत बकरी पालन के लिए क्षमता निर्माण: कौशल और ज्ञान संवर्धन“ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने बकरी पालन व्यवसाय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं कहा कि बकरी पालन महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एवं यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रभावी माध्यम है। केन्द्र के प्रमुख अन्वेषक प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण किस प्रकार पशुपालकों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़कर उनके व्यवसाय को अधिक लाभकारी बना सकता है। उन्होंने कहा कि सतत बकरी पालन से ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ. सोहेल मोहम्मद ने किया एवं उन्होंने आधुनिक बकरी पालन तकनीकों, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन एवं विपणन रणनीतियों पर प्रकाश डाला। केन्द्र के विशेषज्ञ शैलेन्द्र सिंह शेखावत ने बकरी पालन से जुड़े जोखिम आधारित समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान के उपाय बताए। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जैसलमेर, झालावाड़ और बूंदी जिलों से 47 महिलाएं प्रशिक्षण में शामिल है।

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