
बीकानेर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संकल्प है कि प्रदेश के अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को पर्याप्त पेयजल और किसान को सिंचाई पानी मिले। इसके मद्देनजर पिछले सवा साल से जल तंत्र सुदृढ़ीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। पेयजल स्त्रोतों को सुदृढ़ करने के साथ नहरी तंत्र की मजबूती के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में राज्य के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में बीकानेर जिले को अनेक सौगातें मिली हैं, जिनसे आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
राज्य के बजट में बीकानेर के लिए अनेक घोषणाएं हुई हैं। इनमें गजनेर लिफ्ट परियोजना व कोलायत लिफ्ट परियोजना के अंतिम छोर के गांवों में पेयजल सुदृढ़ीकरण का कार्य 58 करोड़ 4 लाख रुपए की लागत से करवाया जाएगा। लूणकरणसर क्षेत्र के सात गांवों को नहरी पेयजल से लाभान्वित करने का कार्य 23 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएंगे। कोलायत कस्बे व आसपास के गांवों में पेयजल के सुदृढ़ीकरण के कार्यों पर 11 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत आएगी।
खाजूवाला के महादेववाली व लूणकरणसर के हापासर व हंसेरा में पाइपलाइन व उच्च जलाशय निर्माण कार्य पर 6 करोड़ 33 लाख रुपए तथा बीकानेर शहर में करमीसर व गेमना पीर रोड, सुजानदेसर में पानी की टंकी व पाइप लाइन संबंधित कार्य 5 करोड़ रुपए की लागत से करवाए जाएंगे।
इसी क्रम में बीकानेर सहित 23 शहरों में जल आपूर्ति के कार्य 1 हजार 650 करोड़ की लागत से करवाए जाएंगे। शहरी जल योजना श्रीडूंगरगढ़ के सुदृढ़ीकरण कार्यों पर 80 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
ग्रामीण योजना लूणकरणसर को शहरी जल योजना में क्रमोन्नत करने का कार्य 40 करोड़ 64 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नापासर में 27 करोड़ रुपए व देशनोक में 9 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। पूगल में अधिशाषी अभियंता (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) कार्यालय की स्थापना की जाएगी।
इस प्रकार बजट घोषणाओं के कार्यों का क्रियान्वयन होने से अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को राहत मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा इन सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा। जिला स्तर पर भी जिला कलेक्टर द्वारा इनकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।