बीकानेर। के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग हॉस्पिटल की स्टूडेंट की सुसाइड के मामले में आखिरकार समझौता हो गया है। प्रशासन ने परिजनों की मांगे मान ली है। ऐसे में परिजनोंने अब धरना हटा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार 2 महिला गाडर्स सहित वार्डन को हटाने पर सहमति हुई है। साथ ही जांच कमेटी भी गठित की गई है। इस मामले में एडि. एसपी शैलेन्द्र इन्दोलिया, पवन भदौरिया व कांग्रेस नेता बिशनाराम की एक्टिव भूमिका रही। पीबीएम अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिरोही ने बताया कि सुसाइड केस में समझौता हो गया है। दो महिला गाडर्स सहित वार्डन को हटाया गया है।
यह था मामला
बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग हॉस्पिटल की स्टूडेंट की सुसाइड के मामले में लड़की आयुष के पिता मुकेश चौधरी ने जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में सुसाइड के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी है। उनका आरोप है कि आयुष के साथ पढ़ने वाली चंदा और उनके गांव के लड़के नाहर सिंह के कारण बेटी को सुसाइड करना पड़ा।
एफआईआर में आयुष के पिता मुकेश का आरोप है कि चंदा प्रजापत और कोटपुतली निवासी नाहर सिंह ने मिलकर आयुष को इतना परेशान किया कि उसे सुसाइड करनी पड़ी। वो पिछले लंबे समय से इन दोनों के कारण ही परेशान हो रही थी। इसी कारण उसने कल फोन करके पहले बताया कि वो सुसाइड कर रही है। इसके बाद उसने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगा लिया। पुलिस ने सुसाइड के लिए प्रेरित करने के आरोप में चंदा और नार सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ।