बीकानेर,नगर के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चेतना के केंद्र जुबिली नागरी भण्डार के 118वें स्थापना दिवस एवं वसंतोत्सव पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन आज नागरी भण्डार स्थित मां शारदे के मंदिर प्रांगण में भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरा रखा गया | जिसमें नगर के हिंदी,उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के एक से बढ़कर एक बेहतरीन कवियों, शायरों और कवयित्रियों ने कविता पाठ करके मां शारदे को वंदन किया एवं बसंत ऋतु सहित प्राकृतिक चित्रण से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। तीनों भाषाओं के चार दर्जन से अधिक युवा एवं वरिष्ठ रचनाकारों ने काव्य पाठ करके माहौल में बसंत की रंगत घोल दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नागरी भण्डार के डॉ. दिनेश शर्मा ने की। मुख्य अतिथि नागरी भण्डार के उपाध्यक्ष डॉ. पी. आर. भाटी थे। विशिष्ट अतिथियों के तौर पर वरिष्ठ कवयित्री इंद्रा व्यास,शायर वली मोहम्मद ग़ौरी एवं व्यंग्यकार व खेल लेखक आत्माराम भाटी ने शिरकत की |
संस्था की तरफ से कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी आगंतुकों का स्वागत संस्कृतिकर्मी संजय सांखला ने करते हुए आयोजन की महता और संस्था के वैभव के बारे में अपने विचार रखे।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में विशिष्ट अतिथि के रूप मे मंच पर मौजूद वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती इंद्रा व्यास ने राजस्थानी भाषा की कविता सुनाकर माहौल को बसंतमय कर दिया।
आपने ‘मन्मथ के फूलों के सर से/हो मदमस्त सभी इठलाते/नर नारी सब जीव चराचर/कर आलिंगन मोद बधाते/नाचे गाये लुत्फ़ उठाये/रंग बसंती सबको भाये’ पेश करके राजस्थानी भाषा की मिठास घोली।
अतिथि के रूप में मंच पर विराजमान व्यंग्यकार एवं खेल लेखक आत्माराम भाटी ने कहा कि की नगर की ऐतिहासिक संस्था श्री जुबिली नागरी भण्डार कला एवं साहित्य के क्षेत्र में एक शताब्दी से भी अधिक समय से उल्लेखनीय कार्य कर रही है। श्री जुबिली नागरी भण्डार ट्रस्ट ने आज मुझे अतिथि के तौर पर जो मान सम्मान दिया उसके लिए मैं संस्था का हमेशा कृतज्ञ रहूंगा। अतिथि शायर वली मोहम्मद ग़ौरी ने अपना उम्दा कलाम सुनाकर ख़ूब वाहवाही लूटी। आपने ‘क्या ख़बर थी चलते-चलते हादसा हो जाएगा/जो सफ़र में हम-सफ़र है वो जुदा हो जाएगा/बात हो कोई तो उसका बढ़के कर लो फ़ैसला/
फ़ैसला गर ना किया तो फ़ासला हो जाएगा ।
वरिष्ठ कवि कमल रंगा ने ‘बसंत म्हारी दीठ में’ की इन पंक्तियों पीळे पान रे झरण री बेला,मदमातौ चलै बायरो, उमंग तरंग, क़ुदरत रा रंग म्है गाऊं’ के भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण से राजस्थानी भाषा की मिठास घोली | शाइर बुनियाद ‘ज़हीन’ के इस शे’र ‘इक तेरे नाज़ुक तसव्वुर की बदौलत क्या कहूँ/आ गए हैं दर्द सारे पलकों की दहलीज़ पर’ को ख़ूब पसंद किया गया |
शाइर क़ासिम बीकानेरी ने बसंत पर आधारित अपनी बेहतरीन ग़ज़ल के इस शे’र ‘चमन चमन खिला हुआ, कली कली निखार है/ जहां में आज हर तरफ मुहब्बतें हैं प्यार है’ से बसंत के विविध रंगों को प्रस्तुत करके श्रोताओं से कवि सम्मेलन एवं मुशाएरे को बसंती रंग से सराबोर दिया |
वरिष्ठ कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने अपनी राजस्थानी कविता ‘धरती फोर्यो पसवाडो अर ओढण चाली कसूमल रंग/मां सुरसत री वीणा बाजी, आंख्यां खोली राज भुजंग’ से कवि सम्मेलन में नए रंग भरे और भरपूर वाह वाही लूटी।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब, बुनियाद ज़हीन, क़ासिम बीकानेरी, सुश्री कपिला पालीवाल, मोनिका गौड़,ग़ुलाम मोहिउद्दीन माहिर, इमदाद उल्लाह बासित,राजाराम स्वर्णकार, गंगा विशन बिश्नोई ब्रह्मा,अब्दुल शकूर सिसोदिया बीकाणवी, कमल किशोर पारीक,मोइनुद्दीन मूईन, ज्योति स्वामी, इसरार हसन क़ादरी, विप्लव व्यास, अक्षिता जोशी,गुलफ़ाम हुसैन आही,अमर जुनूनी,लीलाधर सोनी, शमीम अहमद’शमीम’,यशस्वी हर्ष, ज्योति स्वामी,बाबूलाल छंगाणी, जुगलकिशोर पुरोहित,मधुरिमा सिंह, इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क़, कैलाश टाक, गिरिराज पारीक,असद अली असद, हरिकृष्ण व्यास, कैलाश खरखोदिया,मदन जैरी,शिव कुमार भोजक ने काव्यपाठ किया |
संस्था की ओर से कविता पाठ करने वाले सभी अतिथियों का माल्यार्पण एवं प्रशंसा पत्र द्वारा संस्था के पदाधिकारियों एवं आयोजकों ने स्वागत सम्मान किया | कवि सम्मेलन में संस्कृतिकर्मी डॉ. मोहम्मद फारुक़ चौहान, डॉ. गौरी शंकर प्रजापत, मुकेश जोशी सांचिहर,घनश्याम सिंह,मोहम्मद यासीन, श्रीगोपाल स्वर्णकार व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी, एम.रफ़ीक़ क़ादरी, सुशील शर्मा घनश्याम सिंह एवं गौरी शंकर सोनी, गोपाल गौतम, छगन सिंह,संतोष शर्मा सहित अनेक प्रबुद्ध जन मौजूद थे |
संस्था की ओर से समस्त अतिथियों एवं कविता पाठ करने वाली रचनाकारों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में प्रसाद का वितरण किया गया।
संचालन शाइर क़ासिम बीकानेरी और कवयित्री सुश्री कपिला पालीवाल ने संयुक्त रूप से किया।अंत में सभी का आभार वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन आज दिनांक 2 फरवरी को नागरी भण्डार मंदिर प्रांगण में शाम 4:00 बजे संगीत संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।