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बीकानेर,कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-II की आठवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक का आयोजन प्रो. सतीश कुमार गर्ग, कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की अध्यक्षता में किया गया। कुलपति प्रो. गर्ग ने बताया कि केवीके किसानों व पशुपालकों तक कृषि की नई नई तकनीकी हस्तांतरण की एक महत्वपूर्ण संस्था है, यहां किसान भाई कृषि के साथ-साथ सहायक व्यवसाय जैसे डेयरी, बकरीपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खीपालन आदि विभिन्न विषयों के लंबी अवधि के व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र फसल विविधीकरण पर विशेष जोर देकर क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने का काम कर सकता है, साथ ही समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाकर दी किसान अपनी आय दुगनी कर सकता है। प्रो. राजेश कुमार धुडि‌या, निदेशक प्रसार शिक्षा, राजुवास, बीकानेर ने कुलपति का स्वागत कर पशुपालन को अधिक से अधिक समृद्ध बनाने पर जोर दिया। प्रो. आर. पी. एस. चौहान, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, श्रीगंगानगर ने कहा कि केंद्र किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण करवायें तथा प्रशिक्षण के बाद में उनका मूल्यांकन कर प्रशिक्षण के प्रभाव को प्रदर्शित करें। श्री बलवीर खाती, उपनिदेशक आत्मा, हनुमानगढ़ ने कहा कि केंद्र बागवानी के जैसे खजूर बैर अमरूद और काचरी की फसल पर विशेष जोर दें। कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोहर लाल सेन ने वार्षिक प्रतिवेदन का अनुमोदन व एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ भैरू सिंह चौहान, डॉ. रामचंद्र तिवाड़ी और अक्षय घिंटाला ने अपने विषय की वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर जौ फसल की उन्नत खेती फोल्डर का विमोचन भी किया गया। भारतीय कृषि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जोधपुर से वैज्ञानिक डॉ. एच. एन. मीणा, डॉ. कुलदीप नेहरा, श्री दया काकोडिया, डॉ. इरशाद, डॉ. द्वारका प्रसाद, डॉ. रामकृष्ण बनेठिया, डॉ. अनिल, डॉ.‌ हुकमाराम, श्री लालचंद और प्रगतिशील किसानों में श्री लालसिंह बेनीवाल, श्री अजय स्वामी, श्री अमर सिंह सहारन, सुरेंद्र खीचड़ व महिला किसान पुष्पा देवी व अलीशा देवी इत्यादि उपस्थित रहे।

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