बीकानेर,सखा संगम द्वारा प्रकाशित पुस्तक स्मृति पटल पर सखा संगम’ का बुधवार को विमोचन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक हरिशंकर आचार्य थे। उन्होंने कहा कि सखा संगम द्वारा सामाजिक सरोकार के कार्यों के साथ साहित्य और कला संस्कृति से जुड़ी गतिविधियां भी नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि संस्था के 8 से 80 वर्ष तक के मित्र बीकानेर की मित्रता की संस्कृति को साकार कर रहे हैं।
अध्यक्षता करते हुए सखा संगम के अध्यक्ष एनडी रंगा ने कहा कि सखा संगम के मजबूत स्तंभ रहे चंद्र शेखर जोशी की पुण्यतिथि के अवसर पर पुस्तक का विमोचन किया गया है। इसमें सखा संगम के सभी मित्रों का परिचय और विभिन्न गतिविधियों का संकलन किया गया है।
पुस्तक संपादक खूमराज पंवार ने कहा कि सखा संगम पिछले 65 वर्षों से सक्रिय समूह है। उन्होंने कहा कि पुस्तिका के माध्यम से इस अवधि की समूची यादों को संकलित किया गया है।
संयोजकीय व्यक्तव्य देते हुए वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि सखा संगम ने बीकानेर की सांझा संस्कृति को जीवंतता दी है। आज के तनाव और एकाकीपन के दौर में यह मिसाल है।
इससे पहले अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन किया। गीतकार राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर एड. हीरालाल हर्ष, डाॅ.अजय जोशी, बृजगोपाल जोशी, अशफाक कादरी ने विचार व्यक्त किए। इस दौरान सखा संगम के चंद्र शेखर जोशी की स्मृति में दो मिनिट का मौन रखा गया।
कार्यक्रम में एम. रफीक कादरी, गिरिराज पारीक, गौरीशंकर आचार्य, शशांक शेखर जोशी, शशि शेखर जोशी, मंजूर अली चांदवाणी, भगवान दास पडिहार, ध्रुव शेखर जोशी, जन्मेजय व्यास, राजेन्द्र भाटी, नागेश्वर जोशी, तेजसिंह, ओमप्रकाश पंवार सहित अनेक लोग मौजूद रहे।