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बीकानेर,इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेरिटेज कॉलेज,देहली से आर्ट कंजरवेसन में मास्टर कर रही छात्रा वसुधा शर्मा ने चित्रकार राम कुमार भादाणी से बीकानेर की सुनहरी कलम तथा मैथरण शैली में बारीकीयों से जानकारी प्राप्त एक दिवसीय प्रशिछन लिया। इन दोनों कला शैली के मिश्रण से इन्होने जो नई शैली के रूप में जो कार्य कर रहे है, जिसे बीकानेर गोल्डन आर्ट के नाम से जाना भी जा रहा है। बीकानेर की भीति चित्रण की बारीक़यों, पार्चीन विरासतो से मंदिरो और पर्यटन की दृष्टि से जो हवेलीयों के साथ इनकी नक्काशीसे रूबरू करवा कर इसे कैसे कंजर्वेशन कैसे किया जाता है उसके बार में जानकारी प्रदान की। भादाणी ने बताया की वसुधा ने एक दिवसीय प्रशिछण में अपना उत्कर्ष कार्य किया है और आगे इस कला को जीवंत रखने में अपना योगदान देने का प्रयास करेंगे । प्रशिक्षण के इस दौर में राम कुमार भादाणी इससे पूर्व निफ़्ट देहली,नवोदय विद्यालय,केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती शांति निकेतन व संयुक्त राज्य अमेरिका के एमोरी विश्व विद्यालय के पीएचडी के छात्रों को भी बीकानेर गोल्डन आर्ट का प्रशिक्षण दे चुके है।

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