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बीकानेर,दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदी की प्रोफेसर और प्रख्यात आलोचक डॉ.सुनीता का गुरुवार को अभिनन्दन किया गया। पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट और मुक्ति संस्थान द्वारा राजमहल होटल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि कथाकार राजेंद्र जोशी थे। उन्होंने कहा कि प्रो. सुनीता ने आलोचना के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने यायावरी को अपनाकर देश के विभिन्न सांस्कृतिक एवं भाषाई पहलुओं को देखा और समझा है। उन्होंने कहा कि साहित्य के प्रति उनका विशेष लगाव है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ.नरेश गोयल ने की। उन्होंने कहा कि बीकानेर साहित्य नगरी है। यहां के लोग साहित्य को समझते और इसका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों के साहित्य सृजकों से संवाद युवा लेखकों के लिए लाभदायक रहता है।
प्रो. सुनीता ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान प्राप्त अनुभवों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बीकानेर से उनका विशेष जुड़ाव है। यहां के वरिष्ठ साहित्यकारों से सीखने और समझने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी जरूरी है।
इससे पहले राजभाषा संपर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने जिले में हिंदी से जुड़ी गतिविधियों के बारे में बताया। युवा चित्रकार योगेन्द्र पुरोहित ने साहित्य और चित्रकला की जुगलबंदी से जुड़े अनुभव सांझा किए।
इस दौरान डॉ. कृष्णा आचार्य और राजा राम स्वर्णकार और अब्दुल शकूर सिसोदिया ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। डॉ. पूजा मोहता ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन प्रियांशु आचार्य ने किया।
इस दौरान प्रो. सुनीता का शॉल, श्रीफल, उपरना, स्मृति चिह्न और पुस्तकें भेंट कर अभिनन्दन किया गया।

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