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बीकानेर,नीति कोई भी हो उसके परिणाम तभी फलीभूत होते हैं जब उसकी क्रियान्विति सही-सही की जाए, क्योंकि सफल क्रियान्विती ही नीति का आधार होती है। यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रयोजनों और प्रावधानों का जमीनी स्तर पर सफल क्रियान्वयन कर दिया जाता है तो भावी समाज को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कार्य होगा। ये उद्बोधन मुख्यअतिथि प्रो. दिव्या जोशी, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति के वार्षिक आयोजन मेजर जनरल जयदेवसिंह भार्गव स्मृति विचारीपीठ के तहत प्रौढ़ शिक्षा भवन सभागार में अपने व्याख्यान ‘भारतीय ज्ञान परम्परा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत आज दिनांक 26 दिसंबर, 2024 को अभिव्यक्त किए।
प्रो.दिव्या जोशी ने अपने व्याख्यान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पृष्ठभूमि, प्रयोजन और आवश्यकता, असेसमेंट, पाठ्यक्रम आदि को भारतीय ज्ञान परम्परा के तहत व्यावहारिक शिक्षण और बहुविध ज्ञान-प्राप्ति की दृष्टि में अभिवृद्धि करने वाला है। उन्होंने कहा कि शिक्षक आधारित इस शिक्षा नीति में शिक्षकों पर भारतीय ज्ञान दृष्टि को विद्यार्थियों तक पहुंचाने की अहम भूमिका तय की गई है। इस क्रम में प्रत्येक विषय का आउटकम और उद्देश्य पर समझ विकसित की जानी प्रस्तावित है।
इसके साथ ही उन्होंने फिनलैंड, जर्मनी और आस्ट्रिया जैसे शैक्षिक दृष्टि से उन्नत राष्ट्रों की शिक्षा नीति में भी देसज ज्ञान परम्पराओं पर मुख्य रूप से जोर दिए जाने की बात कही। उन्होंने विवेकानंद, महात्मा गांधी, धर्मवीर भारती, जेम्स टूली आदि के शैक्षिक विचारों और गुरूकुल, मारजा पद्धति आदि के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत की सांस्कृतिक एवं पारंपरिक ज्ञान परंपरा और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास प्रमुख आधार बताया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग ने विभिन्न शिक्षा नीतियों के निर्माण के संबंध में कहा कि देश की हर शिक्षा नीति में राजस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संबंध में बताया कि इसमें सूचना की जगह ज्ञान को केन्द्र में रखा गया है, क्योंकि इस सृष्टि में ज्ञान के समान पवित्र करने वाली कोई वस्तु नहीं है।
इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों द्वारा संस्था के जिला स्तर पर संचालित कौशल विकास कार्यक्रमों से जुड़े शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में से चुनिंदा प्रशिक्षकों में मौहल्ला पजाबगिरान से वहिदा खातून, खाजूवाला से नैनप्रीत कौर, नोखा से नीतू चौधरी, खारी चारणान से बसंती गेधर, नापासर से सुमन सुथार, खींयेरा से रेवंतराम रेगर, चौंखुंटी रूखसाना और सुजानदेसर से सपना देवड़ा को मेजर जनरल जयदेवसिंह भार्गव सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष डॉ. ओम कुवेरा द्वारा आगंतुकांे का स्वागत किया गया और विचारपीठ के संयोजक ब्रजरतन जोशी ने मुख्यवक्ता का परिचय देते हुए कहा कि यथानाम तथा गुण की तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में अपनी ज्ञान दृष्टि से दिव्य हैं। संस्था परिवार के सुरेश भार्गव द्वारा आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

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