बीकानेर, जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसमें किसी स्तर की लापरवाही सामने आती है और कोई पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित रहता है, तो सम्बन्धित विभागीय अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होगा।
जिला कलेक्टर ने उपखण्ड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और शिविरों से सम्बंधित विभागीय अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि अभियान की उच्च स्तर पर नियमित समीक्षा की जा रही है। ऐसे में ढिलाई बरतने वाले कार्मिकों को पूर्ण गम्भीरता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि उपखण्ड अधिकारी प्रत्येक ब्लॉक की प्रो-एक्टिव तरीके से मॉनिटरिंग करें। शिविरों के लिए विभागों के लक्ष्य निर्धारित करें तथा फिसड्डी रहने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि शिविर में आने वाले प्रत्येक पात्र व्यक्ति को राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। इसमें किसी स्तर पर ढिलाई असहनीय होगी।
जिला कलक्टर ने कहा कि प्रत्येक केम्प में तीन ई-मित्र कियोस्क होंगे। हेल्प-डेस्क की प्रॉपर व्यवस्था करनी होगी। प्रत्येक विजिटर का पंजीयन होगा। शिविरों के दौरान प्राप्त होने वाले जन समस्याओं से सम्बन्धित प्रकरणों को एसडीएम द्वारा दर्ज किया जाएगा और उनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि शिविरों का दौरान सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी रहे तथा विभागीय योजनाओं की सतत जानकारी दी जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि शिविरों का दौरान राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के लिए भी पंजीकरण किया जाए। प्रत्येक केम्प को कोविड के विरुद्ध वैक्सीनेशन साइट के रूप में लिया जाए। शिविरों का दौरान मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत भी पंजीकरण करवाया जाए। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनिचामी, आरसीएचओ डॉ. राजेश गुप्ता मौजूद रहे।