बीकानेर। डेंगू के डंक से घायल होकर पहुंचने वालों की पीबीएम अस्पताल में रेलमपेल लगी है। दो मरीज डिस्चार्ज होकर जा रहे है तो पांच नए मरीज आ रहे हैं। मरीजों का इलाज वार्डों से लेकर गैलरियों तक किया जा रहा है। बुखार पीडि़तों की भरमार है। पीबीएम, जिला अस्पताल सहित निजी लैबों में सीबीसी, डेंगू, मलेरिया जांच कराने वालों की भारी भीड़ है।
शुक्रवार को दो नए रोगी रिपोर्ट हुए हैं। ७८ मरीज भर्ती हुए हैं जिन्हें बुखार, प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू को नियंत्रित करने लगा है लेकिन डेंगू मच्छर काबू नहीं आ रहा। शहर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीमें घर-घर सर्वे कर रही है। डेंगू एवं वायरल के मरीज बढऩे से पीबीएम अस्पताल में मेडिसिन वार्ड समेत हाल में शुरू किया गया एमसीएच का वार्ड भी फुल हो गए हैं।
प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत के ९० फीसदी मरीज
डेंगू से लोगों की जान सांसत में है। वहीं इस बार प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत लेकर ९० फीसदी मरीज पहुंच रहे हैं जो सबसे बड़ी चिंता है। प्लेटलेट्स कम होने वाले मरीजों को आरडीपी व एसडीपी की जरूरत पड़ रही है। हालात यह है कि आरडीपी व एसडीपी रोज जितनी बन रही है वह पूरी लग रही है। डेंगू के मरीज ठीक हो रहे हैं लेकिन प्लेटलेट्स कम होने वाले मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं।
दस हजार के करीब जांच, ३५2 मरीज
पीबीएम एवं जिला अस्पताल में जनवरी से अब तक करीब दस हजार से अधिक लोगों की डेंगू की जांच की गई है, जिसमें से ३५2 लोगाों में डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू से अब तक तीन मरीजों की जान जा चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक जिलेभर में एनएस-1 (रैपिड कार्ड टेस्ट) से सात से आठ हजार लोगों की जांच की जा चुकी हैं, जिसमें ३०० से अधिक में डेंगू पाया गया है लेकिन सरकार व मेडिकल कॉलेज एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही डेंगू मानता है।
आयुर्वेद के नुस्खे अपनाए
आयुर्वेद चिकित्सक मनीष गहलोत के मुताबिक आयुर्वेद में डेंगू से बचाव व नियंत्रित करने के कई कारगर उपाय है। पपीते के पत्तों का स्वरस, तुलसी, गिलोय, नीम के पत्तों (20 एमएल सुबह-शाम) दिन में कम से कम दो बार पीएं। यह प्लेटलेट्स सुधार के लिए सबसे अच्छा है। आंवला और व्हीट ग्रास जूस के साथ गिलोय का रस भी रोगी की प्रतिरक्षा और प्लेटलेट्स में सुधार करता है। नारियल पानी दिन में दो बार पीए। मैथी का पानी को दर्द निवारक के रूपमें उपयोगी है। मैथी को रातभर पानी में भिगो कर रखें। सुबह छानकर हल्का सा गर्म करके पी लेवें। छाछ, नारियल पानी, सौंफ का पानी, बिना चीनी के ताजे फलों का रस लेवें। हरी सब्जियों का सूप लेना चाहिए। आहार में घर का हल्का खाना जैसे खिचड़ी मूंग-दाल खाएं। गेहूं की रोटियों से परहेज करें। तुलसी अर्क ले, दूध में हल्दी डालकर लेवें। प्रोसेस्ट और फास्ट फूड कतई नहीं लेवें।