बीकानेर,दो दिन पहले सैंट्रल जेल बीकानेर से गफलत के कारण रिहा हुए एनडीपीएस के बंदी मदनलाल डेलू ने शुक्रवार को बीकानेर की एडीजे कोर्ट नंबर छह में सरेंडर कर दिया। इसके बाद मौँके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जेल भिजवा दिया। बंदी मदनलाल डेलू के सरेंडर करने से जेल प्रशासन और पुलिस ने राहत की सांस ली। दरअसल,उड़सर निवासी बंदी मदन पुत्र बंशीलाल बिश्नोई एनडीपीएस के मामले में बीकानेर जेल में बंद था। इस दौरान बीती तीन दिसंबर को हत्या के 17 साल पुराने मामले में 3/25 के आरोप में तीन साल की सजा हुई थी, जिस मामले में उसे राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर से जमानत मिली थी।जमानत के आदेश पहुंचते ही बुधवार को जेल प्रशासन ने उसे रिहा कर दिया। जबकि एनडीपीएस के मामले में नोखा एडीजे कोर्ट से चार दिसंबर को जमानत खारिज हुई थी। ऐसे में बंदी को रिहा नहीं किया जा सकता था,लेकिन गफलत के चलते बंदी को जेल प्रशासन ने रिलीज कर दिया। इसका पता चलते ही जेल प्रशासन में हडक़ंप सा मच गया और रिहा हुए बंदी मदनलाल की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई। इधर,नोखा और बीछवाल थाना पुलिस की टीमें भी उसकी तलाश में जुटी थी। गुरूवार को नोखा पुलिस ने आरोपी के उडसर स्थित घर पर भी दबिश दी लेकिन वह मौके पर मौजूद नहीं मिला।
लापरवाही के जिम्मेदारी अधिकारी पर गिरेगी गाज
जानकारी में रहे कि यह समूचा मामला जेल प्रशासन घौर लापरवाही से जुड़ा है,ऐसे में कारागार विभाग की ओर से जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी। बंदी मदनलाल बिश्नोई मादक पदार्थ तस्करी मामले में नोखा जेल में बंद था। इलाज के चलते बीकानेर जेल में शिफ्ट किया गया। वह शुगर पेंशेंट हैं। घटनाक्रम के अनुसार उडसर निवासी मदन विश्रोई पर हत्या का मामला भी चल रहा था। 20 नवंबर, 2024 को न्यायालय ने इस मामले में उसे तीन साल की सजा सुनाई थी। इस बाद आरोपी के अधिवक्ता ने उसकी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की दरख्वास्त की थी। बीते मंगलवार को हाईकोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर कर ली,बुधवार को मुचलके तस्दीक हुए थे। उसी मुचलके के आधार पर बीकानेर जेल से रिलीज कर दिया गया। लापरवाही यह रही कि जेल प्रशासन ने रिहा करने से पहले आरोपी का रिकॉर्ड नहीं जांचा। जबकि आरोपी मदनलाल एनडीपीएस एक्ट के मामले बंद था। इसके बावजूद जेल प्रशासन ने उसे रिहा कर दिया। जब लापरवाही का पता चला, तो महकमे में हडक़ंप मच गया।