बीकानेर,बीकानेर में स्थित राजस्थान के एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय, सादुल स्पोर्ट्स स्कूल, में चल रही अनियमितताओं और दुर्व्यवस्थाओं के खिलाफ क्रीड़ा भारती द्वारा शुरू की गई भूख हड़ताल अब ग्यारहवें दिन में प्रवेश कर चुकी है।
गुरुवार को हड़ताल के समर्थन में खेल प्रेमियों ने खुद सड़कों पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने सुबह स्पोर्ट्स स्कूल से कलेक्ट्री तक पैदल रैली निकाली और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने प्रशासन से मांग की कि विद्यालय में व्याप्त समस्याओं को तुरंत प्रभाव से सुलझाया जाए और खिलाड़ियों के लिए निर्धारित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
11 दिनों की हड़ताल में बढ़ा जनसमर्थन:
भूख हड़ताल के 11 दिनों में यह आंदोलन अब सामाजिक और कानूनी संगठनों का समर्थन भी प्राप्त कर चुका है।
• बीकानेर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिदावत के नेतृत्व में धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए प्रशासन पर दबाव बनाने का वादा किया।
• इसी क्रम में विश्वजीत सिंह जी हारासर ने भी आंदोलनकारियों के साथ धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि,
“राजस्थान में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसकी दुर्व्यवस्थाएं न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं, बल्कि राज्य की खेल संस्कृति पर भी प्रहार है।”
छात्रों की मांगें:
रैली के दौरान छात्रों ने जोरदार नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को उजागर किया:
1. खेल प्रशिक्षण
यहां संचालित 12 खेलों मे NIS डिप्लोमा धारी प्रशिक्षक के पद स्वीकृत है वर्तमान में 10 पद खाली है, जिससे खिलाड़ियों की उच्चस्तरीय तैयारी संभव ही नहीं है।
2. आवास और भोजन व्यवस्था: 2007 मैं खिलाड़ियों का भजन बात सरकार ने बढ़कर ₹100 किया था आज 18 साल बाद भी वह यथावत है इसको कम से कम ₹300 किया जाए, स्कूल में रहने और खाने की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे छात्रों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
3. सभी खेल मैदाने और छात्रावासों की मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से बजट की घोषणा हो
आंदोलनकारियों का कड़ा रुख:
क्रीड़ा भारती के उपाध्यक्ष दानवीर सिंह भाटी ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की समस्याओं का समाधान नहीं होता, यह भूख हड़ताल जारी रहेगी। शिक्षा विभाग जितनी हठधर्मिता अपनाना चाहता है अपना ले हम इन नन्हे खिलाड़ियों का हक इन्हें दिलाकर ही मानेंगे क्यूंकि
“यह आंदोलन सिर्फ सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य में खेल और खिलाड़ियों के हक के लिए है।”
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
भैरुरतन ओझा ने काहा की 11 दिनों से जारी भूख हड़ताल और छात्रों के सड़कों पर उतरने के बावजूद प्रशासन की चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
“यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप लेगा। जरूरत पड़ी तो हम राज्य स्तर पर इस मुद्दे को उठाएंगे और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करेंगे।”
आंदोलन का बढ़ता प्रभाव:
सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में चल रहे इस प्रदर्शन ने न केवल बीकानेर, बल्कि पूरे राज्य में खेल शिक्षा को लेकर जागरूकता और चिंता को बढ़ाया है। छात्रों, पूर्व खिलाड़ियों और समाज के प्रतिष्ठित लोगों के समर्थन से यह आंदोलन अब प्रशासन के लिए अनदेखा करना नामुमकिन हो गया है।
दानवीर सिंह भाटी का कहना है कि यह लड़ाई राजस्थान की खेल प्रतिभाओं के उज्जवल भविष्य के लिए है, और इसे किसी भी हाल में अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा।