बीकानेर,राज्य सरकार एवं निगम प्रशासन द्वारा जोधपुर डिस्कॉम के 36 डिवीजन्स को पूरी तरह निजीकरण करने का जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ ने विरोध जताते हुए चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन की चेतावनी दी है। पत्रकारों को जानकारी देते हुए भामसं के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश सचिव शिवदत्त गौड़ ने बताया कि आरडीएसएस गुणवता युक्त बिजली, मीटरींग, बिलिंग व कलेक्शन व 411 सब-स्टेशनों के संचालन व कमिश्निंग के नाम पर हाइब्रिड एम्युनिटि मॉड्यूल के तहत 10 वर्षों के लिए निजी फर्म को ठेके पर देने हेतु निविदा आमंत्रित कर निजीकरण किया जा रहा है।
गौड़ का आरोप है कि जिस विश्वास से शहर में बिजली की निर्बाध व्यवस्था के लिये निजीकरण किया गया। वो उस पर खरी नहीं उतरी है। कंपनी की ओर से सरकार से किये गये एमओयू की शर्तों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। न तो कंपनी बिजली कटौती के समय शहरवासियों को बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करवा रही है और न ही श्रमिक कानूनों के तहत काम कर रही है। ऐसे में कंपनी शहरवासियों को ठगने का काम कर रही है। गौड़ ने कहा कि निजी कंपनी ने ठेके में अलग अलग कार्यों में आठ ठेके दे रखे है। जिसके अनुभवों को देखते हुए यह निजीकरण उचित नहीं है।
श्रमिक नेता गौरीशंकर व्यास ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि आमजनता की मूलभूत सुविधाओं वाले विभागों जैसे बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा में लाभ ना तलाश कर नो प्रोफीट नो लोस पर सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। किंतु अब सरकार इन विभागों में भी लाभ कमाना चाहती है। इसलिए विद्युत विभाग को निजीकरण करते हुए निजी कंपनियों को सौंपने जा रही है। जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ संबंध भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर निजीकरण का विरोध करना तय हुआ है। संगठन इस निजीकरण का पूर्ण रूप से विरोध करते हुए निगम प्रशासन व सरकार को संदेश देना चाहता है कि यदि इसे यहीं नही रोका गया तो संगठन संपूर्ण प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगा।
गौड़ ने बताया कि निजीकरण के विरोध की शुरूआत 20 तारीख से होगी। संघ की ओर से एसई ऑफिस पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपकर चेताया जाएगा। इसी तरह 26 नवम्बर को जोधपुर डिस्कॉम एमडी ऑफिस के आगे प्रदर्शन किया जाएगा।