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बीकानेर,सामूहिक विवाह वर्तमान समय की महत्ती आवश्यकता है। ऐसे आयोजन ना केवल कन्याओं को संबल प्रदान करते  हैं, अपितु  दहेज प्रथा के चलते बिखरने वाले परिवारों को जोडक़र रखने का काम भी करते हैं। यह हमारा दायित्व बनता है कि हमें उन सभी परिवारों का सम्मान करना चाहिए, जो समाज की एक प्रथा को समाप्त कर सामूहिक विवाह जैसे आयोजन में अपने बच्चों की शादी करवाकर एक मिशाल पेश करते हैं। भामाशाह, समाजसेवी एवं गौभक्त नरसी कुलरिया ने बुधवार सुबह श्री विश्वकर्मा सुथार समाज सामूहिक विवाह, समिति, बीकानेर के समाज मिलन एवं बारहवां आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान विदाई समारोह पर दुल्हे- दुल्हनों को आशीर्वाद देकर विदाई के समय यह उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने समिति के बारहवें विवाह सम्मेलन के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए समिति को समाजसेवा के कार्य में किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होने पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही मौके पर उन्होंने समिति को 5 लाख 11 हजार रुपए प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त विदाई से पूर्व दुल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद एवं 500+500 रुपए प्रत्येक्त को नकद प्रदान किए।

समिति के श्याम सुदंर बरड़वा ने बताया कि सफल  समापन पर समिति की ओर से अध्यक्ष नवरतन धामू, संस्थापक सदस्य कन्हैयालाल बरड़वा, मंत्री शिव प्रकाश डोयल एवं कोषाध्यक्ष छगनलाल छडिय़ा आदि ने सुथार समाज के गौरव भामाशाह, समाज सेवी, गौभक्त भंवर, नरसी कुलरिया, पूनम  कुलरिया एवं  सीलवा के ही देवाराम कुलरिया सिलवा के पुत्र भूराराम, चीमाराम, दीपक एवं लालचन्द कुलरिया  जिन्होंने संपूर्ण कार्यक्रम में महा प्रसाद रखी का समिति की ओर से शॉल, साफा एवं माला पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर बहुमान किया। इस अवसर पर समिति की ओर से कार्यक्रम में पधारे संपूर्ण समाज का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में पधारे केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विधायक श्री विश्वनाथ जी विधायक जेठानन्द व्यास श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड राजस्थान के अध्यक्ष श्रीमान रामगोपाल जी सुथार, संत दाताश्री रामेश्वरानन्द जी महाराज, एंकर त्रिलोकचंद सुथार, प्रेम कुलरिया, गुमानसिंह राजपुरोहित एवं समाज के गणमान्यजनों में शामिल  जगदीश प्रसाद धामू, श्यामसुदंर नागल, सत्यनारायण नागल, भूराराम मांडण, रामूराम मांडण, अशोक नागल, लक्ष्मीनारायण नागल, सुन्दरलाल मांडण , तेजाराम मांडण, जगदीश प्रसाद धामू,किशनलाल बुढड़़, सूरजमल डोयल,भगवानाराम फौजी, सुभाष पुरोहित,बाबूलाल बरड़वा,भंवरलाल माकड़ जय लाल भद्रेचा आदि सहित  संतो का स्वागत अभिनंदन कर आभार माना।

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