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बीकानेर,अगले महिने भाजपा संगठन के विभिन्न स्तरों पर चुनाव है। अभी से बीकानेर शहर जो संभाग मुख्यालय भी है- अध्यक्ष का चुनाव अहम हो गया है। बीकानेर शहर देहात जिलाध्यक्षों के लिए जिन नामों की चर्चा है उसमें शहर से महावीर रांका,अनिल शुक्ला,मोहन सुराणा, अखिलेश प्रताप सिंह, कौशल शर्मा, अविनाश जोशी, गोकुल जोशी, शिव कुमार रंगा, जे.पी. व्यास, नारायण चौपड़ा,भाजपा प्रवक्ता अशोक प्रजापत, सुमन छाजेड़ समेत कई लोग हैं। वहीं देहात में छैलू सिंह, आस करण भट्टड़, बेगा राम बाना,भंवर जांगिड़ समेत कई भाजपा नेता मशक्कत कर रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के जिलाध्यक्ष की काफी अहमियत होती है। देहात में अभी जालम सिंह अध्यक्ष है। उनकी अध्यक्ष की भूमिका का पार्टी नेताओं में पूरा सम्मान है। बीकानेर शहर में विजय आचार्य शहर भाजपा अध्यक्ष है। अध्यक्ष पद पाने के लिए लाइन लगाए नेता अपने अपने तई प्रयास में लगे हैं। कोई संघ के समर्थन से पद पाने के प्रयास में है तो कोई अपने आकाओं और धन बल के बूते दौड़ लगा रहे हैं। वहीं कई लोग पार्टी संगठन में अपने समर्पण और निष्ठा के भरोसे पद पाने की आस लगाए बैठे हैं। फिर भी पार्टी में सत्ता का ध्रुवीकरण और गुटबाजी का जिलाध्यक्ष बनने में प्रभाव रहेगा।

शहर जिलाध्यक्ष का पद पाने के लिए केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लाबी और बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास और सिध्दी कुमारी के समर्थकों के नाम बताए जाते हैं। मंत्री की लाबी के महावीर रांका, अनिल शुक्ला और विधायक की लाबी में पूर्व महापौर नारायण चौपड़ा, जे.पी.व्यास के नाम चर्चा में है। मोहन सुराणा, अखिलेश प्रताप सिंह, कौशल शर्मा, शिव कुमार रंगा, नारायण चौपड़ा, भाजपा प्रवक्ता अशोक प्रजापत, सुमन छाजेड़ समेत कई लोगों का इस पद के लिए अगर पार्टी उचित समझती है तो एक्सप्रेशन आफ इंस्ट्रट जताया जा रहा है। पूछने पर इनमें से अधिकांश का कहना है कि पार्टी जिम्मेदारी देती है तो निष्ठा से निभाएंगे। बीकानेर शहर की राजनीति पर मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का दबदबा है। विधायक उनके राजनीतिक चेहरे के सामाने बोने हैं। केन्द्र और राज्य के नेताओं पर भी विधायकों की पकड़ कमजोर है। संघ की भी अप्रत्यक्ष रूप से इस चुनाव में भूमिका चर्चा में है। ऐसे में शहर जिलाध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री की अनुशंसा पर ही बनाए जाने के कयास है। पार्टी के नेताओं को कहना है कि केन्द्रीय मंत्री की महावीर रांका को शहर जिलाध्यक्ष बनाने अनुशंसा है। वैसे संघ का भी रांका को समर्थन प्राप्त है। रांका ने मोहन भागवत को महाश्रमण के कार्यक्रम में माला पहनाकर संघ के साथ रिश्तों को सार्वजनिक रूप से पुख्ता किया। रांका पार्टी के प्रति समर्पित है। सामाजिक भलाई के कामों और पार्टी की गतिविधियों में रांका खुलकर धन खर्चते हैं। इससे इनकी लोकप्रियता बढ़ी है। हालांकि मोहन सुराणा शहर भाजपा के संगठन में सक्रिय नेताओं में से रहे हैं। शहर जिला संगठन महामंत्री के रूप में सुराणा ने अच्छा काम किया है। उनके भाजपा संगठन और पार्टी में योगदान का अपना आभा मंडल है। कभी मेघवाल के निकट माने जाने वाला सुराणा रांका और मेघवाल के बीच सुलह के बाद मंत्री की सूची में दोयम दर्जे में आ गए हैं। विधायक सिध्दी कुमारी के वे जब से विधायक है निकट के नेताओं में से माने जाते हैं। अनिल शुक्ला न काहे से दोस्ती न काहे से बैर की नीति पर भाजपा में राजनीति करते हैं। वे पार्टी और संगठन में सैध्दान्तिक रूप से सक्रिय है। किसी नेता की परिक्रमा नहीं करते। जी हजूरी से दूर सपाट कहने वाले शुक्ला का मेघवाल सीधे रूप में जिलाध्यक्ष बनने में अड़चन पैदा नहीं कर सकते। शुक्ला को पार्टी में जो जिम्मेदारी दी जाती है वे यथासंभव निभाते रहने की छवि है। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता माने जाते हैं। पूर्व महापौर नारायण चौपड़ा संघ पृष्ठ भूमि के है। वे भी किसी नेता के पिछलग्गू नहीं है। पार्टी सिध्दान्तों और संघ की नीति पर काम करने वाले है। महापौर रहते हुए चौपड़ा ने गुटबाजी से ऊपर उठकर निष्पक्ष रूप से काम किया। भाजपा के किसी भी गुट से नहीं जुड़े हुए हैं।

अखिलेश प्रताप सिंह गंभीर विचारवान और पार्टी में संगठन को मजबूत बनाने वाले नेता के रूप में काम किया है। शहर जिला मंत्री कौशल शर्मा ऊर्जावान युवा नेता है। उनकी छवि सक्रिय युवा कार्यकर्ता की है। शिव कुमार रंगा पूर्व पार्षद और व्यापक जन सम्पर्क वाले भाजपा नेता की है। वे अर्जुन राम के भी निकट रहे हैं और विधानसभा चुनाव में भी अच्छा काम किया है। जे.पी. व्यास पार्टी के सक्रिय नेता, जनहित के मुद्दे पर तुरन्त काम करने वाले, जनता के बीच रहने वाले नेता है। भाजपा प्रवक्ता अशोक प्रजापत ओबीसी से हैं। पार्टी में सक्रिय है अर्जुन राम मेघवाल के नजदीकी है। अविनाश जोशी, गोकुल जोशी अपने बूते या प्रदेश के सम्पर्क के नेताओं के समर्थन से राजनीति करते हैं। सुमन छाजेड़ भाजपा में हर स्तर पर सक्रिय है। बीकानेर की भाजपा राजनीति में केन्द्रीय मंत्री के अलावा कोई ऐसा विधायक नहीं है जो अपनी अनुशंसा को प्रदेश संगठन या सरकार से मनवा सकें। बीकानेर के नेता अध्यक्ष पद के लिए या तो अर्जुन राम के भरोसे बैठे हैं या संघ की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं। पद पाने की दौड़ अभी से शुरू हो गई है। वहीं पार्टी को नए अध्यक्ष का इंतजार है। विधायक जेठानंद व्यास का कहना है कि पार्टी में जिलाध्यक्ष सैध्दांतिक रूप से नीतिगत निर्णय के तहत बनाते है। किसी एक नेता के प्रभाव से या धन बल के बूते किसी को कोई पद नहीं दिया जाता। अध्यक्ष कौन हो सकता है इसके जवाब में व्यास ने कहा तो प्रदेश नेतृत्व तय करेगा।
देहात जिलाध्य़क्ष में विधायक तारा चन्द सारस्वत, डा. विश्वनाथ, सुमित गोदारा, अंशुमान सिंह भाटी, पूर्व विधायक बिहारी विश्नोई की भी रूचि रहेगी। देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह का कहना है कि भाजपा में पार्टी नेतृत्व समय पर ही तय करेगा कि कौन देहात अध्यक्ष बनेगा। हालांकि देहात में छैलू सिंह, आस करण भट्टड़, बेगा राम बाना, भंवर जांगिड़ समेत कई भाजपा नेता अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं।

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