बीकानेर,राज्य लोक सूचना अधिकारी एवं आयुक्त नगर निगम बीकानेर को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत द्वितीय अपील की सुनवाई नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई इस कारण की गई है कि अपीलार्थी एडवोकेट मोहम्मद रफीक पठान ने बीकानेर में बने शॉपिंग माल, कटरा, भवन, मैरिज गार्डन सहित पब्लिक इंटरेस्ट की जगह की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही । जिसको लेकर लोक सूचना अधिकारी नगर निगम आयुक्त द्वारा उसे नजर अंदाज करते हुए भ्रामक गोलमोल की सूचना देकर इति श्री कर ली । जिस स्थान की सूचना चाही गई उसके लिए यह भी कहा गया कि उक्त मॉल शॉपिंग कंपलेक्स कटरा मैरिज गार्डन भवन उनके रिकॉर्ड में नहीं है । यानी बीकानेर ऐसे कई स्थल जो कि अवैध है जिसकी जांच होनी जरूरी है । मोहम्मद रफीक पठान द्वारा व्यक्तिगत तौर पर भी नगर निगम उपायुक्त से मुलाकात कर कुछ मॉल की आवासीय से व्यवसायीकरण की तमाम पत्रावली noc तथा व्यावसायिक भवन मॉल के निर्माण स्वीकृति के साथ संलग्न तमाम दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपियां नगर निगम से
तलब की । कई दिनों तक तलम टोल चलती रही पठान ने स्वयं जाकर नगर निगम लगाई गई आरटीआई के संबंध में उपयुक्त से जवाब की चर्चा की । उपयुक्त ने संबंधित आरटीआई प्रभारी को बुलाकर जब आरटीआई रिप्लाई के संबंध में पूछा तो उस आरटीआई प्रभारी का जवाब यह था कि आप तो जानते हैं नगर निगम किसी भी आईटीआई का किसी भी अपील का आमजन को जवाब नहीं देता है । यानी बीकानेर नगर निगम आरटीआई अपील का जवाब न देकर आरटीआई कानून का खुला उल्लंघन कर रहा है । सूचना न मिलने पर इससे तंग आकर द्वितीय अपील राजस्थान राज्य सूचना आयोग को श्री पठान द्वारा की गई । जिसकी सुनवाई दिनांक 22 अक्टूबर 2024 को जयपुर में हुई मगर अफसोस की बात यह है कि नगर निगम की ओर से नगर निगम आयुक्त तथा कोई भी नगरनिगम का व्यक्ति प्रतिनिधि इस सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ । इस दौरान नगर निगम आयुक्त द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील पर न तो कोई टिप्पणी की गई और न ही अपीलोत्तर भेजा गया। इसके अलावा, सूचना भी नहीं दी गई, जो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।
नोटिस में यह बताया गया है कि सूचना न देने के कारण लोक सूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के तहत लोक सूचना अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त के सूचना अधिकार अधिनियम की अनदेखी के चलते दण्डित किए जाने के लिए तलब किया । उन्हें अपने स्पष्टीकरण के साथ 15 दिवस के भीतर जवाब भेजने का निर्देश दिया गया है। निर्धारित दिनांक 25 नवम्बर 2024 को सुबह 11:00 बजे, कोर्ट नंबर 4 में स्वयं उपस्थित होकर या लिखित रूप में प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया गया है।
इसके साथ ही, अपीलोत्तर को भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं, और इसकी प्रति अपीलार्थी को पंजीकृत डाक से भेजी जाएगी। इस कार्रवाई से अधिकारियों को सूचना देने में लापरवाही से बचने और नियमों के पालन की सख्त चेतावनी मिल रही है।