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बीकानेर,जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज की निश्रा में सोमवार को फलोदी निवासी चैन्नई प्रवासी निर्माण कार्य व्यवसाई मुमुक्षु महिपाल (मुकेश) व उनकी धर्मपत्नी सी.ए.शैफाली गुलेच्छा का ढढ्ढा चौक के प्रवचन पंडाल में भक्ति गीतों की स्वर लहरियों, जयकारों से स्वागत किया गया। इस अवसर पर उनके सांसारिक बड़े दादा मुनि श्रमण रत्न सागर भी मौजूद थे।
मुमुक्षु 12 दिसम्बर 24 को पालीतणा में जैनाचार्य नयवर्द्धन सूरीश्वरजी से भगवती दीक्षा ग्रहण करेंगे। दोनों मुमुक्षुओं ने अपने इकलौते पुत्र तन्मय उर्फ बालमुनि श्रुतवर्द्धन विजय व इकलौती पुत्री नियति वर्तमान साध्वीश्री नयचंदना श्रीजी को दो वर्ष पूर्व जिन शासन में समर्पित कर चुके है। इनके परिवार की यह पांचवीं दीक्षा है। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक पवन पारख, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, पारस बोथरा, विचक्षण महिला मंडल की वरिष्ठ श्राविका मूलाबाई दुगड़, सामयिक मंडल की संतोष नाहटा व सिरोहिया परिवार व अनेक वीर माता-पिता व उनके रिश्तेदारों ने श्रीफल, दुपट्टा आदि से अभिनंदन किया।
जिनवाणी, जिन वचनों पर विश्वास
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी व बीकानेर के मुनि सम्यक रतन सागर सूरीश्वरजी ने मुमुक्षुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि जो जिनवाणी, जिन वचनों पर विश्वास करते है, असली व अनंत सुख आत्मा में मानते है, ज्ञान, दर्शन व चारित्र को जानते है उनको संसार के सुख तुच्छ व त्याग और वैराग्य के सुख उच्च लगते है। सम्यक दर्शन, ज्ञान च चारित्र की पालना में संयम का प्रबल पराक्रम व पुरुषार्थ की दरकार रहती है। आत्म साधकों को कुटुम्ब, परिवार, धनराग, देहराग का तथा लब्धी वैराग्य प्राप्ति पर अहंकार का त्याग, पांच इंद्रियों के 23 विषयों के प्रति धिक्कार व तिरस्कार भाव, गुणीजनों के गुणों के प्रति राग भाव, तथा देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण भाव रखना जरूरी है। इस अवसर पर जैनाचार्य व सुश्री टिविन्कल नाहटा ने वैरागय के भक्ति गीत प्रस्तुत किए। मुमुक्षुओं ने जैनाचार्य, मुनि व साध्वीवृंद की अक्षत आदि से गुरुपूजन किया तथा विचार व्यक्त किए ।
इनका भी हुआ अभिनंदन
प्रवचन पंडाल में मुमुक्षुओं के साथ बाड़मेर के कैलाश पारख, दुर्ग के आरती-अरुण दुगड़, (साध्वीश्री स्नेह यशा श्रीजी व सिद्धान्त निधिश्रीजी के सांसारिक माता-पिता), मनीष लोढ़ा, मुनि संवेग रत्न सागर के सांसारिक ताऊ इंदौर के ललित सावनसुखा, उम्मेदमल बरड़िया, विजय लूणावत, शैलेन्द्र कोटड़िया केकड़ी के जितेन्द्र सिंघवी गौरव धूपिया का अभिनंदन किया गया।

बच्चों का तीन दिवसीय शिविर शुरू
ज्ञान पंचमी ( 5 नवम्बर) के उपलक्ष्य में बच्चों का तीन दिवसीय सोमवार को शुरू हुआ। शिविर में करीब 6 से 18 वर्ष तक के बालक-बालिकाएं रात्रि भोजन का त्याग करते हुए तथा नियमित मंदिर में पूजा, जाप करते हुए हिस्सा ले रहे हैं । शाम साढ़े छह बजे से साढे़ आठ बजे तक 48 आगमों वाली आगम वाटिका में चलने वाले शिविर में ज्ञान की पूजा की जाएगी।, प्रत्येक शिविरार्थी बच्चे को नियमित ऊं हि् नमो नाणस्स’’ मंत्र की 20-20 माला का जाप करना होगा तथा नियमित जिनालय में दर्शन पूजन करेंगे।

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