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जोधपुर.

संचार क्रांति के युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। साइबर गैंग की वजह से बैंकों में जमा रुपए भी असुरक्षित हैं। साइबर गिरोह देश के किसी भी कोने से बैंक खाते में सैंध लगा लेते हैं। इनसे बचने का उपाय सिर्फ और सिर्फ सावधानी है। अकेले जोधपुर में साढ़े तीन साल में ऑनलाइन ठगी की सात सौ से अधिक वारदातें हो चुकी है। पुलिस व साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि ठगी होते ही तुरंत टोल फ्री नम्बर 155260 पर सूचित करें, ताकि राशि ठगों के खातों में ट्रांसफर होने से पहले होल्ड व रिफंड कराई जा सके।

साइबर ठग आमजन के खातों से रुपए निकालने के लिए नित नए तरीके अपना रहे हैं। मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से लिंक पर क्लिक करने को दुष्प्रेरित कर मोबाइलधारक के बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं। वहीं, कई अनजान व्यक्ति कॉल पर लुभावनी बातें करके जाल में फंसाते हैं। ऐसे अनजान एसएमएस, लिंक या व्यक्तियों की बातों में न आकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है।

सावधानी ही उपाय है

ऑनलाइन ठगी से बचने का एक ही उपाय सावधानी है। आमजन किसी भी अनजान व्यक्ति के कॉल या मैसेज के लालच में कत्तई न आएं। न ही अनजन एसएमएस से आए लिंक पर क्लिक करें। ऐसा करने पर मोबाइल हैक किया जा सकता है और उससे फिर बैंक खाते की पूरी जानकारी लेकर रुपए निकाल लिए जाएंगे। बैंक कभी भी खाता संबंधी जानकारी नहीं मांगता है।

दो साल में बचाए 80 लाख रुपए

पुलिस स्टेशन खाण्डाफलसा के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल सुरेश बिश्नोई ने बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर पिछले दो साल में ऑनलाइन ठगी के 25 मामलों में 80 लाख रुपए रिफण्ड करवाए हैं। उनका मानना है कि ठगी होने का पता लगते ही नजदीक स्थित पुलिस स्टेशन या टोल फ्री नम्बर 155260 पर सूचित करना चाहिए, ताकि राशि ठगों के खाते में पहुंचने से पहले होल्ड कराई जा सके।

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