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बीकानेर,वाल्मीकि जयंती पर नत्थूसर गेट के बाहर एक सभा रखी गई। जिसमें वाल्मीकि समाज के लोगों ने उनके तेलचित्र पर पुष्प अर्पित किये। इस मौके पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कन्हैयालाल चांवरिया ने विचार रखते हुए कहा कि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की,जो न केवल हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है,बल्कि भारतीय संस्कृति और साहित्य का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनकी रचनाएं जीवन के मूल्य,धर्म, और नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाएं यह संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों और प्रयासों से अपनी पहचान और स्थिति बदल सकता है। यह पर्व विभिन्न जातियों और धर्मों के बीच एकता का प्रतीक है और इसे सभी सामाजिक वर्गों द्वारा मनाया जाता है, जिससे एकजुटता की भावना बढ़ती है। चांवरिया ने कहा कि वाल्मीकि जयंती एक प्रेरणा देने वाला पर्व है, जो न केवल महर्षि वाल्मीकि की महिमा को बढ़ाता है, बल्कि उनके द्वारा प्रस्तुत मूल्यों और शिक्षाओं पर भी प्रकाश डालता है।इस मौके पर सुनील चांवरिया,प्रदीप चांवरिया,मीना देवी,ओमप्रकाश सहित अनेक जनों ने विचार व्यक्त किये।

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