बीकानेर,भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा आज खींचिया गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक वैज्ञानिक गोष्ठी का आयोजन किया गया । केन्द्र की अनुसूचित जाति उप-योजना तथा केन्द्र में चल रहे विशेष स्वच्छता अभियान के तहत आयोजित इस गतिविधि में खींचिया व आस-पास क्षेत्र के 131 पशुपालकों ने सहभागिता निभाई । कैम्प के तहत 84 गाय, 36 ऊँट, 19 भैंस तथा भेड़-बकरी 207 का उपचार कर दवाओं का वितरण किया गया । पशुपालकों को स्वच्छता के महत्व के प्रति विशेष प्रोत्साहित किया गया ।
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ.आर.के.सावल ने पशुपालकों से बातचीत के दौरान कहा कि पशुपालन व्यवसाय को लाभदायक बनाने हेतु इसका भलीभांति प्रबंधन अत्यंत जरूरी पहलू है। इस हेतु संतुलित आहार, खनिज मिश्रण, लवण आदि का उचित मात्रा में प्रयोग किया जाना चाहिए । इससे पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहेगा साथ ही दूध उत्पादन में वृद्धि होगी जिससे पशुपालन लाभदायक हो सकेगा ।
केन्द्र के डॉ.काशी नाथ, मुख्य पशु चिकित्सक ने पशुओं में अंत: व बाह्य परजीवी के प्रभावी नियंत्रण के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा कहा कि इन पर नियंत्रण से पशुओं का स्वास्थ्य व प्रजजन क्षमता में सुधार होगा जिससे पशुओं की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी हो सकेगी । साथ ही शिविर के दौरान लाए गए पशुओं को परजीवी नाशक दवा पिलाई गई ।
खींचिया गांव के सरपंच प्रतिनिधि मो.लतीफ ने एनआरसीसी द्वारा आयोजित इस शिविर हेतु आभार व्यक्त किया तथा आशा जताई कि इससे पशुपालकों को अधिकाधिक लाभ पहुंचेगा ।
शिविर में पशुपालकों को करभ पशु आहार, खनिज लवण मिश्रण, लवण बट्टिका एवं पशुओं को पानी पिलाने हेतु बाल्टियों का वितरण किया गया । आयोजित गतिविधि में पशुपालकों के पंजीयन, पशुओं के उपचार, दवा व पशु आहार आदि के वितरण में केन्द्र के श्री मनजीत सिंह, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी, श्री राजेश चौधरी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं श्री अमित कुमार ने सक्रिय रूप से सहयोग प्रदान किया ।