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बीकानेर,जन्म मरण शाश्वत सत्य है मनुष्य जीवन में जो आमजन के दुख पीड़ा में सारथी होते हुवे सामाजिक राष्ट्रीय आध्यात्मिक योगदान का निर्वहन कर अपना तन मन धन का योगदान निस्वार्थ भाव से लोक व राष्ट्रीय कल्याण में समर्पित करते है वे युगों युगों तक लोक स्मृति में बने रहते है भौतिक शरीर नाश्वान है किंतु व्यक्तित्व के धनी चिर स्मृति में रहते है एसे ही व्यक्तित्व की धनी श्रीमती जमना देवी दाधीच थी चतुर्थ पुण्य तिथि पर पंचमुखा हनुमान मंदिर नागणेचीजी मंदिर बीकानेर में आहूत श्रंदाजलि व पुष्पांजलि सभा में प्रबुद्ध जनों ने माँ सरस्वती व उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर शिक्षाविद् लेखिका प्रखर समाज सेविका के कृतित्व व व्यक्तित्व का स्मरण किया

पुष्पांजलि व श्रंदाजलि सभा में सर्वप्रथम विशेष रूप से पधारे प्रयागराज के स्वामी श्री मोहितानंद जी महाराज बूंदी राजघराने के राजपुरोहित पंडित श्री रमेश कुमार राजपुरोहित पंचमुखा हनुमान मंदिर के पुजारी श्री शिवशंकर शर्मा , पंडित श्री संतोषानंद महाराज ,भगवताचार्य पंडित भाई व्यास ने माँ सरस्वती व  जमना देवी दाधीच के चित्र का वैदिक मंत्रोचार से पूजन ,माल्यार्पण, दीप धूप प्रज्जवलन कर पुष्पांजलि सभा का शुभारंभ किया जुगल किशोर पुरोहित , रमेश गुप्ता , गोपाल सोनी , देवेंद्र सारस्वत , प्रेमशंकर तिवाड़ी , छोटू अग्रवाल , राजकुमारी शर्मा आदि बड़ी संख्या में उपस्थित प्रबुद्ध जनों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच सहित सभी परिवार जनो ने भी पुष्पांजलि अर्पित की

पंडित संतोषानंद महाराज ने कहा कि जमना देवी दाधीच का कृतित्व व व्यक्तित्व बेमिशाल है इन्होंने संघर्षशील जीवन में पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ ग़रीब परिवारों के बच्चों के शैक्षणिक विकास महिला विकास महिलाओं के स्वरोज़गार महिला सशक्तिकरण महिलाओं के पारिवारिक , प्रशासनिक, पुलिस उत्पीड़न में सशक्त सारथी के रूप में महत्वपूर्ण सहयोगी बन कर महिलाओं को न्याय दिलाने में जीवन पर्यंत पूर्ण योगदान दिया दाधीच ने आध्यात्मिक समाज राष्ट्रीय सेवा आदि में जो योगदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है तथा उनका जीवन हर महिला व व्यक्ति के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण आदर्श व मार्गदर्शन है आपके सेवा भावना का स्थायी स्मरण का अनुपम उदाहरण दीर्घक़ालीन फ़्लॉक लीडर पर दी गई सेवाए है जिसके लिये बहुत कम शिक्षक ही योगदान निभाते है आपने सच्ची राष्ट्रीय भावना के अन्तर्गत विषम स्थितियों में भी इस योगदान का बखूबी व स्वैच्छिक रूप से निर्वहन किया जो सभी के लिए आदर्श है

स्वामी मोहितानंद महाराज ने कहा कि अपने परिवार के लिए जीवन सभी जीते है जो लोक कल्याण राष्ट्रीय सेवा , ग़रीब परिवारों , महिला उत्थान, समाज सेवा आध्यात्मिक सेवा में अपना योगदान निर्वहन करते है वो पूजनीय होते है एसे ही व्यक्तित्व की धनी जमना देवी दाधीच को आज हम स्मरण करके शोभाग्यशाली हुवे है आपके जीवन के आदर्शों को सभी को अंगीकृत करना चाहिए आपके संस्कार ही रहे है कि आपका परिवार भी समाज सेवा राष्ट्रीय सेवा आध्यात्मिक भारतीय व सनातन संस्कृति की सेवा , आमजन के शैक्षणिक विकास , कन्या उत्थान , महिला सशक्तिकरण , साहित्यिक आदि क्षेत्रों में तन मन धन से महत्वपूर्ण योगदान निर्वहन कर रहा है जो अनुकरणीय है

उपस्थित जनों ने दाधीच के जीवन को अनुपम उदाहरण बताते हुवे महिलाओं व पुरुषों के लिए व्यतित्व निखार के आदर्श बताये

जमना देवी दाधीच की स्मृति में “सरस्वती गौरव सम्मान” प्रदान किया गया

शिवकिशन जमना देवी दाधीच सेवा स्मृति सेवा संस्थान की ओर से पंडित संतोषानंद महाराज भागवत आचार्य पंडित भाई व्यास , साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित , अभियंता सेवा योगदान में रमेश गुप्ता , ग्रामीण जनों की सेवा में गोपाल सोनी को “सरस्वती गौरव सम्मान “ से अलंकृत किया गया स्वामी मोहितानंद महाराज राजघराने के राजपुरोहित पंडित रमेश कुमार राजपुरोहित पुजारी शिव शंकर शर्मा ने माल्याअर्पण दुप्पटा शाल ओढ़ाकर सरस्वती माताजी से सुसज्जित तस्वीर सहित “सरस्वती गौरव सम्मान प्रदान कर भव्य रूप से सम्मानित किया शिव किशन जमनादेवी दाधीच स्मृति सेवा संस्थान के प्रवीण दाधीच ने सभी का आभार प्रकट करते हुवे निरंतर सभी के मार्गदर्शन ,सहयोग व आशीर्वाद की इसी प्रकार की अपेक्षा व्यक्त की

सभा व सम्मान समारोह का संचालन साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित ने किया

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