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बीकानेर,जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 18, साध्वीश्री विजय प्रभाश्रीजी, प्रभंजनाश्रीजी आदिठाणा के सान्निध्य में बुधवार से नवपद ओली की तपस्या, जाप व विशेष व्याख्यान शुरू हुआ। आचार्यश्री की 6 दिन की तपस्या के साथ मुनिवृंद, श्रावक-श्राविकाओं की आयाम्बिल आदि की तपस्याओं की अनुमोदना की गई। नवपद ओली नौ दिनों तक रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सुबह स्नात्र पूजा की जाएगी। प्रथम दिन बुधवार को अरिहंत पद की आराधना, साधना व मंत्र जाप किया गया।
मुनिश्री सम्यक रत्न सागर म.सा. ने बुधवार को ढढ्ढा चौक में धर्म चर्चा में बताया कि नवपद ओली के दौरान पंच परमेष्ठी के पांच पद अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय व साधु के साथ तप, ज्ञान, दर्शन व चारित्र की साधना आराधना करने से सुख समृद्धि के साथ धार्मिक व आध्यात्मिक उन्नति होती है। उन्होंने श्रीपाल मैना सुंदरी के कथानक के एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि ज्ञान प्राप्ति के लिए पात्रता जरूरी है। ज्ञान का पात्र बनकर छोटे से व्यक्ति से ज्ञान हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुद्गल मस्तिष्क को मानता नहीं है । जहां आत्मा वहीं ज्ञान है। ज्ञान गुण पर आवरण के कारण आत्म शक्ति व ज्ञान का वास्तविक स्वरूप् प्रकट नहीं होता। वास्तविक सुख पुदगल शरीर व उसकी इंद्रियों नहीं, बल्कि आत्मा में है। विनाशकारी शरीर मानना ज्ञान का अपमान करना है। उन्होंने ज्ञान व ज्ञानदाता के नाम को नहीं छुपाने, ज्ञान का दुरुपयोग नहीं करने, की सलाह दी।
बीकानेर की साध्वीश्री प्रभंजनाश्री ने श्रीपाल मैणा सुन्दरी के कथा प्रसंग के माध्यम से बताया कि पुण्य से सांसारिक व आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति होती है। सौभाग्य, निरोगी काया, पवित्र भोजन, विभिन्न तरह की कला की निर्पूणता व अच्छे कुल व परिवार का समागम मिलता है । वहीं शील, सदाचार, दक्षता, विनय, विवेक, धर्म की संगोष्ठी, स्थिर मन, प्रसन्नता, परमात्मा की पूजा, भक्ति व दर्शन वंदन का लाभ प्राप्त होता है।
उदयरामसर के आशापुरा मंदिर
में भक्ति संध्या आज
बीकानेर, 9 अक्टूबर। उदयरामसर के भगवान कुंथुनाथ जिनालय के बोथरा, भंडारी, डागा, ब्राह्मण, सुनार, राजपूत व चौहान वंशीय विभिन्न जाति समुदाय की कुलदेवी आशापुरा माताजी के मंदिर में गुरुवार को भक्ति संगीत संध्या आयोजित की जाएगीं।
आयोजन से जुड़े सुरेश भंडारी ने बताया कि नवरात्रा माहेत्सव के तहत गुरुवार को रात साढ़े सात बजे से शुरू होने वाले देवी भक्ति के कार्यक्रम में घाणेराव, पाली की रंगलाल एवं पार्टी मातेश्वरी के भजन प्रस्तुत करेंगी। शुक्रवार को सुबह नवचंडी महायज्ञ, कन्या पूजन एवं प्रसाद का कार्यक्रम होगा। मंदिर में प्रतिदिन दर्शन वंदन करने उदयरामसर के साथ बीकानेर शहर विभिन्न स्थानों के श्रद्धालु पहुंच रहे है।

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