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बीकानेर,केंद्रीय शिक्षा,कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयंत चौधरी ने शनिवार को राजकीय डूंगर कॉलेज के गांधी वन में संस्था वन का निरीक्षण किया। उन्होंने इस कार्य को पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित करने वाला बताया। इस अवसर पर उन्होंने पारिवारिक वानिकी पर श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर और फलौदी सहित 6 जिलों के पारिवारिक वानिकी समिति के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के सामने सर्वाधिक गंभीर चुनौती है। आम लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी से ही जलवायु को बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आदिवासियों की परंपराएं जलवायु को बचाने का जरिया रही हैं। सरकार इन परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रयत्नशील है। इस अवसर पर उन्होंने राजकीय डूंगर कालेज में खेल सुविधाएं विकसित करने लिए सांसद निधि से 15 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कालेज द्वारा प्रस्ताव भिजवाने पर सांसद निधि से यह राशि जारी कर दी जाएगी। चौधरी ने कहा कि परिवारिक वानिकी कार्य का नेतृत्व करने वाले डॉ.श्याम सुंदर ज्याणी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन कार्यों कोदेश के साथ विदेश में भी सराहना मिली है। उन्होंने कहा कि जलवायु संरक्षण में आम लोगों की भागीदारी जरूरी है। विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जोड़ना जरूरी है। इस पहल से पर्यावरण संरक्षित होगा और हर परिवार पौधारोपण के लिए प्रेरित होगा।

शिक्षा मंत्री ने मदन दिलावर ने कहा कि जलवायु संरक्षण और धरती के तापमान को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका पौधारोपण ही है। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम धरती को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वृक्ष घनत्व काफी कम है। हर हाथ द्वारा वृक्ष लगाकर ही हम अपनी जिम्मेदारी निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से जन-जन जुड़ा है। प्रदेश में भी मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में करोड़ों पौधे लगाए गए हैं।
इससे पहले चौधरी और दिलावर ने राजकीय डूंगर कालेज में विकसित गांधी वन‌ का अवलोकन किया। इस दौरान डॉ. ज्याणी ने इस वन में रोपित पौधों और पारिवारिक वानिकी की जानकारी दी। कार्यक्रम में विधायक सुभाष गर्ग, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, भागीरथ मान,  बीरबल जाखड सहित अन्य नागरिक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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