Trending Now






बीकानेर,गो ग्राम स्वावलंबन संस्थान बीकानेर, इस नवरात्रा को पर्यावरण के उपयोगी बनाने के लिए अभियान चला रहा है। संगठन के अध्यक्ष पर्यावरण विद् निर्मल कुमार बरडीया ने बताया कि

माताजी की जोत में अरणिया छाणा व देशी गाय का शुद्ध घी काम मे लेने से वातावरण मे कीटाणुरोधी प्रभाव बढेगा व पर्यावरण शुद्धि का कार्य होगा, शुद्ध आक्सीजन का स्तर सुधरेगा।
बरडीया जी ने कहा कि नवरात्र स्थापना से लेकर नवरात्र समाप्ति तक अथवा उसके मध्य जोत की राख, फोटो,तस्वीर आदि का कचरा भी पीपल बङ आदि पवित्र पेङों मे डालने की कुपरम्परा से भी पर्यावरण का बङा नुकसान हो रहा है।हजारों पेङ बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इसके लिए बीकानेर का प्रत्येक नागरिक जो नवरात्रि करें, नवरात्रि पूजन करें, वह अपने आसपास के मन्दिर में, नवरात्रि के दौरान बचे फूल, फल, पूजन सामग्री, राख आदि को एक ही स्थान पर संग्रह की समुचित व्यवस्था विकसित कर लेंवें, तो इन सभी पवित्र अवशेष सामंग्री के निस्तारण की विधि सम्मत व्यवस्था गो ग्राम स्वावलंबन संस्थान के माध्यम से की जायेगी।
इसके लिए बीकानेर वासी अपने गली मोहल्ले के मन्दिर के पुजारी,ट्रस्टी आदि से भी सम्पर्क करें और उन्हें इस सामग्री के लिए स्थान निश्चित करने के लिए कहे। हमारा संस्थान उक्त मंदिर से वह सामग्री संग्रहित करके उसे विधिवत तरीके से निस्तारित करेगा।
इस महति अभियान में आम जन जुड़े, बीकानेर के जागरूक नागरिक इस अभियान में सहयोगी बने ऐसी प्रार्थना संगठन करता है।
समाज के जागरूक बन्धुओं,मीडीया बन्धुओं व पर्यावरण सुधार मे संलग्न कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि जोत, हवन आदि की पवित्र राख का पानी शुद्धिकरण मे सदुपयोग हो और पवित्र कचरे के निस्तारण मे जागरूकता अभियान चलाएं।
गोग्राम स्वावलंबन संस्थान की टीम लगातार धार्मिक सामाजिक उत्सवों को पर्यावरण अनुकूल बनाने का प्रयास कर रही है। पूजन आदि सामग्री के विधि सम्मत निस्तारण विसर्जन के लिए संस्थान के निम्न नंबर पर संपर्क करें- 9929745967

Author