बीकानेर ,जयपुर। श्याम नगर स्थित वशिष्ठ मार्ग के आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में रविवार को गणिनी प्रमुख आर्यिका रत्न सुपार्श्वमती माताजी की शिष्या गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी का 15 वां आर्यिका दीक्षा दिवस समारोह श्रद्धापूर्वक और हर्षोल्लास के साथ के साथ मनाया गया। इस दौरान सुबह भगवान आदिनाथ के पंचामृत कलशाभिषेक के साथ माताजी के मुखारविंद शांतिधारा कर जगत के कल्याण की प्रार्थना की गई।
मंदिर समिति संरक्षक भागचंद बाकलीवाल ने बताया कि विख्यात जैन साध्वी पूज्य गुरुमां सुपार्श्वमती माताजी द्वारा 15 वर्ष पूर्व विजय दशमी के दिन राजधानी जयपुर के नेमिसागर कॉलोनी के भव्य पांडाल में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में 42 वर्षो तक ब्रह्मचारी व्रत का पालन करने वाली जबलपुर की प्रमिला दीदी को दीक्षा प्रदान की थी जिसका आर्यिका गौरवमती माताजी रखा गया था। त्याग, तप, साधना सहित समर्पण की मूरत माताजी के दीक्षा दिवस का मनाने का एक फिर अवसर श्याम नगर दिगम्बर जैन समाज को प्राप्त हुआ यह सौभाग्य की बात है।
सुपार्श्व गौरव भक्त मंडल परिवार सदस्य राजेन्द्र बड़जात्या और सर्वेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि समारोह का शुभारंभ दोपहर 1 बजे से श्रीजी के सम्मुख चित्र अनावरण और दीप प्रवज्जलन के साथ प्रारम्भ हुआ। इसके बाद श्याम नगर महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत कर समारोह की विधिवत शुरुवात की। इस दौरान सर्व प्रथम गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी के पाद प्रक्षालन किये गए जिसमे प्रमुख अनिल जैन धुवा वाला परिवार सहित 15 श्रेष्ठी परिवारों ने पाद प्रक्षालन किये और 15 श्रेष्ठियों द्वारा शास्त्र भेंट, वस्त्र भेंट किये गए और समाजसेवी द्वारा पिच्छिका भेंट गिर्राज कुमार सुनील अग्रवाल परिवार और कमंडल भेंट सुनील पहाड़िया परिवार द्वारा किये गए। इससे पूर्व देशभर से पधारे श्रेष्ठियों द्वारा विनयांजलि दी गई।
*देशभर से आए श्रद्धालु, किया गुणगान*
समारोह में भाग लेने के लिए श्रीमती कुसुम चूड़ीवाल सहित शहर पदमपुरा अतिशय क्षेत्र संयुक्त मंत्री सुरेश काला, राजस्थान जैन सभा अध्यक्ष कमलबाबू जैन, धर्मचंद पहाड़िया, कुशल ठोलिया, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू, राजकुमार सेठी, मंदिर समिति अध्यक्ष निहालचंद पांड्या, सुरेश सबलावत, राजकुमार पाटनी, प्रवीण बड़जात्या, अजीत पाटनी, राजेश जैन, बसंत बाकलीवाल, पारस गंगवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को अपनाते हुए श्रद्धालुओ ने मां सुपार्श्व गौरव का गुणगान किया और जयकारें लगाए।
*जीवन मे क्या किया उसकी समीक्षा करने का अवसर देता दीक्षा दिवस, जन्मदिन, सालगिरह सभी को माननी चाहिए किन्तु समीक्षा और ईश्वर के साथ – आर्यिका गौरवमती*
दीक्षा दिवस के अवसर पर आशीर्वचन देते हुए बताया कि श्रावक और श्राविकाओं को जन्मदिन, सालगिरह हर वर्ष माननी चाहिये, किन्तु केक, शराब और शबाब के साथ नही अपितु दीपक जलाकर ईश्वर के साथ समीक्षा करते हुए मनाना चाहिए। जीवन में अब तक क्या किया उसकी समीक्षा करने का अवसर दीक्षा दिवस देता है श्रावक और श्राविकाओं को भी जन्मदिवस और सालगिरह पर जितने वर्ष के होते जा रहे हो उतने दीपक जलाकर समीक्षा करनी चाहिए।