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बीकानेर,राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष में नवप्रवेशित छात्राओं हेतु आमुखीकरण एवं अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रोफेसर मनोज दीक्षित रहे । कार्यक्रम की शुरुआत सुदर्शन सभागार में मुख्य अतिथि, प्राचार्य प्रो. अभिलाषा आल्हा ,वरिष्ठतम संकाय सदस्य प्रो. इंदिरा गोस्वामी ,प्रो. मंजू मीणा, प्रो.अजंता गहलोत द्वारा सरस्वती माता के माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुई। इसके पश्चात प्राचार्य एवं वरिष्ठतम संकाय सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में

छात्रा परामर्शदात्री समिति की प्रभारी प्रो. अजंता गहलोत ने नव आगंतुक छात्राओं को महाविद्यालय की मुख्य समितियों जैसे एल्यूमिनी समिति ,मनोसहायता समिति एवं छात्र संघ परामर्शदात्री समिति के बारे में बताया। इसके पश्चात् महाविद्यालय की पूर्व छात्राएं जिनका वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक आचार्य परीक्षा में चयन हुआ है ,का सम्मान कार्यक्रम रखा गया,इन छात्राओं मे डॉक्टर अनुराधा व्यास का इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक ,डॉक्टर दिव्या का संस्कृत एवं डॉक्टर पूजा कस्वा का एबीएसटी विषय मे चयन हुआ है, ने भी महाविद्यालयी शिक्षा के महत्त्व व विभिन्न संचावित गतिविधियों को व्यक्तित्व विकास के लिये उपयोगी बताया। प्राचार्य प्रो. अभिलाषा आल्हा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय में आयोजित की जाने वाली समस्त गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की । प्रो.आल्हा ने नहाविद्यालय व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। इसके पश्चात वरिष्ठतम संकाय सदस्य प्रो.इंदिरा गोस्वामी ने महाविद्यालय में विभिन्न अध्ययन विषयों व उनमें नामांकित छात्राओं की संख्या , साथ ही उनके शैक्षणिक उन्नयन व कौशल विकास हेतु वर्षपर्यन्त आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियो की जानकारी दी ! कार्यक्रम में संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा डा. शची व्यास के मार्गदर्शन में ” तुम समय की रेत पर छोड़ते चलो निशां” गीत की प्रस्तुति दी गई! इसके पश्चात महाविद्यालय की स्कॉलरशिप, एन एस एस ,एन सी सी, रेंजरिंग की गतिविधियों की जानकारी संबंधित प्रभारी अधिकारियों द्वारा दी गई! इसके पश्चात् एन सी सी की छात्राओं द्वारा एक लघु नाटक का मंचन किया गया जिसका संदेश नियमित कक्षाओं में आने तथा पढ़ाई हेतु शार्टकट रास्ते अपनाने के स्थान पर नियमित अध्ययन हेतु प्रेरित करने से संबंधित रहा !
इसके पश्चात मुख्य अतिथि माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के नवीन परिवर्तन जैसे स्किल डवलपमेंट कोर्सेज , क्रेडिट सिस्टम ,मिडटर्म परीक्षायें किस प्रकार शिक्षा को मानसिक दबाव की एक प्रक्रिया से हटा कर उसे आनंदमय प्रक्रिया बनाने की ओर अग्रसर है !
साथ ही उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा व मीमांसा से विद्यार्थियों के जुड़ाव के विभिन्न प्रयासों, भारतीय परिवार व्यवस्था , खेलकूद के महत्व , शिक्षक – विद्यार्थी संबंधों की अनुपमता आदि अवधारणाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला ! उन्होंने सर्वांगीण विकास हेतु क्लासरूम स्टडी के अलावा भी विभिन्न गतिविधियों पर जोर देने तथा भविष्य में स्वयं की रुचि अनुसार कार्य को चुनने और सफलता के स्वयं निर्मित पथ पर अग्रसर होने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया! साथ ही उन्होंने भारतीय ज्ञान, दर्शन एवं संस्कृति का महत्व बताते हुए स्वयं पर विश्वास रख कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु छात्राओं का मार्गदर्शन किया! कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर मंजू मीणा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ! कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य व बड़ी संख्या में छात्रायें उपस्थित रहीं !

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