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बीकानेर,प्रियंका बिश्नोई, आरएएस, सहायक कलेक्टर जोधपुर ने वसुंधरा हॉस्पीटल जोधपुर में माइनर सर्जरी करवाई और ईलाज के दौरान चिकित्सकों की घोर लापरवाही एनेस्थिसिया की ओवर डोज से वो कोमा में चली गई, ऐसी गंभीर स्थिति होने के बावजूद ना तो समय रहते सिटी स्केन करवाया और ना ही समय रहते उच्च संस्थान में रेफर किया। क्रिटिकल समय जाया करने के बाद अहमदाबाद रेफर किया गया और वहां जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और ईलाज के दौरान कल 18 सितम्बर को देहावसान हो गया। जिससे पूरे बिश्नोई समाज व प्रशासनिक क्षेत्र में शोक की लहर है।प्रिंयका बिश्नोई के ईलाज में भंयकर कोताही बरतने वाले जोधपुर स्थित निजी अस्पताल व चिकित्सकों के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। 7 सितम्बर को अहमदाबाद रेफर करने के दस दिनों बाद तक भी प्रशासन द्वारा कोई जांच कमेटी गठन नहीं किया जाना घोर लापरवाही है। 16 सितम्बर को जिला कलेक्टर जोधपुर से मैंने दूरभाष पर बात करके कमेटी गठित नहीं करने पर एतराज जताया और तुरन्त कमेटी गठन की मांग की । उसके बाद जिला कलेक्टर ने कमेटी गठन के आदेश किये, लेकिन उस कमेटी में किसी उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी को शामिल नहीं किया जाना अचरज भरा है। मुख्यमंत्री , प्रियंका बिश्नोई नोखा की बेटी व राजस्थान प्रशासनिक सेवा की कुशल व ईमानदार अधिकारी थी। उसके ईलाज में अस्पताल द्वारा बरती गई घोर लापरवाही की उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी से जांच करवाकर दोषी अस्पताल का लाईसेंस निरस्त करके उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये ।

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