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बीकानेर,स्व.पंडित गिरधर लाल जी किराडू के साले की होली स्थित घर में सालों से मनाया जा रहा है गणेशोत्सव। इंद्र नारायण किराडू ने बताया की गणेश की यह प्रतिमा लगभग 175 साल पुरानी है । पूर्वज बताते थे की इक्कीसिया गणेश जी की मूर्ति से पहले ये मूर्ति बनाई गई थी फिर कुछ परिवर्तन कर के इक्कीसियां गणेश जी की मूर्ति बनाई गई ।इस मूर्ति के साथ गणेश स्रोत की एक हस्त लिखित पुस्तक भी है वो भी लगभग इतनी ही पुरानी है जो सायद पंडित कस्तूर चंद किराडू या गणपत किराडू द्वारा लिखी हुई,” अथ गणपति सहस्रनाम” है जो बड़ी जीर्ण सीर्ण अवस्था में है। आज भगवान गणेश का कृत्रिम लाइट से शृंगार किया गया। नगेंद्र किराडू ने बताया की इसकी दस दिन तक पूजा अर्चना की जाती है और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन पुनः मंदिर में स्थापित कर दी जाती है। गायत्री देवी किराडू ने बताया की इस मूर्ति का पंचामृत से स्नान करा कर फिर दस दिन तक पूजा अर्चना की जाती है। इस कार्य में घर के लगभग सभी सदस्य तन मन धन से समर्पित होकर गजानंद भगवान का उत्सव मनाते हैं। डॉ. ज्योति बाला, प्रीतीबाला, कोमल सीमा, प्रिया का विशेष सहयोग रहता है।

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