बीकानेर,बीकानेर की जनता का अब भगवान ही मालिक है पता नहीं इनकी सुध कब ली जाएगी क्योंकि जनप्रतिनिधि नाकारा है और ऊपर से बेलगाम प्रशासन इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है
बीकानेर पूर्व की विधायक सुश्री सिद्धी कुमारी बारिश के चलते पूर्व विधानसभा के बहुत से इलाके जलमग्न हो गए, बस्तियां और परिवार बारिश के पानी में डूबे पड़े थे लोग सुनवाई ना होने की तकलीफ से धरने पर रहे प्रदर्शन किया लेकिन चौथी बार की विधायक के कानो में जू तक नही रेंगी, और जब बारिश से सुर सागर जो की राजपरिवार की शान का प्रतीक है उसकी दीवार ढही तो विधायक महोदया सीधे जिला कलेक्टर से वार्ता करने पहुंची और कहा की कार्य जल्दी से होना चाहिए क्या विधायक सिर्फ राजपरिवार की संपतियो की रक्षा करने के लिए ही बनी है जनता के लिए कोई सरोकार नहीं पूर्व विधानसभा के सड़को के खड्डे और जलभाराव वाले स्थान पर भी चली जाती लेकिन नही गई?
दूसरा उदाहरण बीकानेर की प्रथम नागरिक महापौर श्रीमती सुशीला कंवर जलभराव के स्थानों का जायजा लेने और अपनी निष्क्रियता को छुपाने के प्रयास के लिए गंदे पानी में चलती दिखाई दी लोगो ने कहा की क्या महापौर है पानी में उतर गई लेकिन महापौर भी राजपरिवार के वैभव के आगे पानी का जायजा लेने अधिकारियों को निर्देश देने के लिए आई यानी सुर सागर उसके अलावा महापौर कही सक्रिय नही दिखी पता नही की बीकानेर नगर निगम की महापौर है या राजपरिवार निगम की?
अब तीसरा उदाहरण आज का ताजा है इतने भारी विरोध और लोगो में फेल रहे रोष को भांप कर राज्य सरकार ने सभी जिला प्रभारी मंत्रियों को अपने अपने प्रभार क्षेत्र में भेजा और बीकानेर के प्रभारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी बीकानेर आए बैठक ली अधिकारियों को फटकार लगाई और तीन दिन के अंदर अंदर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए
प्रभारी मंत्री के निर्देशों को लेकर जिला कलैक्टर भी तुरंत सड़को पर गड्ढे भरने के लिए पेंच वर्क और सड़को के निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी आज से निर्माण चालू हो गया
पूरी बीकानेर की टूटी सड़को में से जो सबसे अच्छी सड़क थी जिसने नाम मात्र का खड्डा हो उक्त सड़क का निर्माण पेवर मशीन से हो रहा है पूरी की पूरी सड़क का निर्माण हो रहा है वो भी *जिला कलेक्टर के निवास के आगे*? वाह क्या सक्रियता है प्रशासन की इसी सड़क के सटते हुए सर्किट हाउस की तरफ का मोड़ है जहा रोजाना हजारों यात्री निकलते है जहा सड़क है ही नही वहा निर्माण पहले होना चाहिए लेकिन अफसोस अधिकारी और ठेकादार भी जिला कलेक्टर को खुश करने में लगे हद तो ये भी है की जिला कलेक्टर ने इनको रोका तक नही की पहले जहा हजारों लोगो का आवागम है वहा की सड़क बनाओ लेकिन नही
जिला कलेक्टर के मकान से थोड़ा सा ही आगे पंचशती सर्किल जहा मॉल्स है बैंक है होटल है और रईस रिहायशी इलाके का सबसे बड़ा बाजार है जहा शायद बीकानेर की 40 प्रतिशत जनता आवागमन करती है उसको ठीक नही किया जा रहा बाकी जगहों की बात ही बेमानी है
केंद्रीय कानून मंत्री और चार बार से सांसद श्री अर्जुनराम मेघवाल के खुद के गांव के लोग जल निकासी की समस्या को लेकर 15 दिन से ज्यादा धरने पर रहे वो भी उस परिस्थिति में जब निगम का मेयर खुद केंद्रीय मंत्री के कबीले का हो बावजूद उसके किस्मीदेसर के लोग धरने पर रहे और पानी की समस्या का निवारण करने का कार्य ना हो बेहद शर्मनाक स्थति है
ये उदाहरण काफी है ये समझाने के लिए की नाकारा जनप्रति निधि और लापरवाह प्रशासन के चलते बीकानेर की जनता का भला अब ऊपरवाला ही कर सकता है
कांग्रेस के राज में कभी ऐसी अप्रिय स्थतिया नही आई जो आज है