राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एन.सी.टी.ई.) द्वारा मान्यता प्राप्त देश के सभी शिक्षक शिक्षा संस्थानों को 22-09-2021 को दिए एक सार्वजनिक नोटिस को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया है कि मौजूदा शिक्षक शिक्षा संस्थानों को सालाना प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (पी.ए.आर.) दाखिल करना अनिवार्य होगा।
विदित है कि शिक्षक शिक्षा संस्थान ने नोटिस के खिलाफ रिट पार्टिशन 11304/2019 दायर की थी जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है अब देश के सभी शिक्षक शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम यथा शिक्षा स्नातक (बी.एड.), शिक्षा स्नातकोत्तर (एम.एड.), शारीरिक शिक्षा स्नातक (बी.पी.एड.), शारीरिक शिक्षा स्नातकोत्तर (एम.पी.एड.), डिप्लोमा ऑफ एलीमैन्ट्री एज्युकेशन (डी.एल.एड.) आदि पाठ्यक्रम से जुड़े महाविद्यालय को गत तीन सत्र के स्थान पर केवल एक सत्र 2021-22 से लगातार आगामी सत्रों में भी पी.ए.आर. दाखिल करनी होगी। एन.सी.टी.ई. ने इस कार्य हेतु शिक्षक शिक्षण संस्थानों को तीन माह का समय दिया है। राजस्थान में 2000 शिक्षक शिक्षा संस्थान है, जिन पर भी यह नियम लागू होगा।
क्या है पी. ए. आर.
प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (पी.ए.आर.) शिक्षक शिक्षा संस्थान का एक ऐसा पक्का चिट्ठा है जिसमें योग्यताधारी स्टॉफ की फोटो एवं दस्तावेज, पढ़ने वाले प्रशिक्षणार्थियों का सलाना ब्यौरा, संस्थान के आय एवं व्यय का विवरण, भवन एवं भूमि संबंधी जानकारी, वेबसाइट की जानकारी, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, वाचनालय, मनोविज्ञान कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, आर्ट एवं क्राफ्ट आदि कक्षों की सचित्र जानकारी सम्मिलित है।
क्या होगा फायदा
पी.ए. आर. दाखिल करने से सभी शिक्षकों को उनके पेन नम्बर एवं आधार नं. से जोड़ा जायेगा। शिक्षकों की एक आई.डी. जरेट होगी जिससे उसकी पहचान स्थापित होगी और एक व्यक्ति एक ही संस्था में कार्य कर सकेगा।
इनका कहना है
एन.सी.टी.ई. द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों से ऑनलाईन पी.ए.आर. भरवाकर, ऑफलाइन भौतिक जांच करेगा, जिससे शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता बढ़ेगी तथा शिक्षक-प्रशिक्षण में गुणात्मक सुधार होगा।
डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली
शिक्षक शिक्षा से जुड़े शिक्षाविद्