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बीकानेर,वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत पशुपालन तकनीक” विषय पर हनुमानगढ़ जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के पशुपालकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। समापन सत्र में मुख्य अतिथि कैलाश जाजड़ा, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, बीकानेर ने पशुपालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पशुपालकों को प्रशिक्षण के दौरान जो उन्नत पशुपालन की तकनीके सिखी है उनकों कृषि एवं पशुप्रबंधन हेतु क्रियान्वयन करें तभी इन तकनीकों एवं नवाचारों का समुचित लाभ मिल पायेगा। पशुपालकों को गांव में दूसरे किसानों को भी सिखे हुए ज्ञान को प्रसारित करना चाहिए ताकि पूरे गांव का विकास हो सके। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि टेक्नोलॉजी के युग में पशुपालन के क्षेत्र में परम्परागत तरिकों के साथ-साथ तकनीकी का उपभोग जरूरी हो गया है ताकि उत्पादन अधिक प्राप्त कर सके। वेटरनरी विश्वविद्यालय भी अपनी विभिन्न इकाइयों के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों हेतु समय-समय पर कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि प्रदेश के पशुपालकों व किसानों का आर्थिक स्वावलम्बन हो सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. देवी सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हनुमानगढ़ जिले के 30 प्रशिक्षार्थी ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को पशुओं में खान-पान, आवास प्रबंधन, प्रजनन व्यवस्था, संक्रामक बीमारियां से रोकथाम, पशु चारा उत्पादन, पशुओं का चयन आदि विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा 20 व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान पशु अनुसंधान केन्द्र कोड़मदेसर, पशुअनुसंधान केन्द्र बीकानेर, उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र आदि का भ्रमण भी करवाया गया। प्रशिक्षण समापन सत्र में प्रशिक्षण प्रतिक्रिया एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पवन कुमार, सुखराम व सोहन लाल क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृृतीय रहे। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. संजय सिंह का भी सहयोग रहा।

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